Move to Jagran APP

कूटा चौरानी में चिकित्सक को देखते ही भड़क गए वनराजि, मदनपुरी के वनराजियों की हुई जांच

डीडीहाट सीएचसी के प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. बीएस मेहरा आगे आए तो उन्हें देखते ही वनराजियों का मिजाज बदल गया। राहत सामग्री छोड़ कर वनराजि के लोग उठ कर जाने लगे। जिसका जिस दिशा की तरफ मुंह था वह वहीं को निकलने लगा। शिविर में अफरा तफरी का माहौल बन गया।

By Prashant MishraEdited By: Published: Sat, 29 May 2021 05:08 PM (IST)Updated: Sat, 29 May 2021 05:08 PM (IST)
कूटा चौरानी में चिकित्सक को देखते ही भड़क गए वनराजि, मदनपुरी के वनराजियों की हुई जांच
चिकित्साधिकारी व अन्य लोग समझाने लगे परंतु वनराजियों ने किसी को सुनने से मना कर दिया।

जागरण संवाददाता, डीडीहाट (पिथौरागढ़) : आदिम जनजाति वनराजि के लोगों की कोरोना सैंपलिंग कराना प्रशासन के लिए चुनौती बन चुका है। जांच के लिए पहुंची टीम में चिकित्सक देखते ही वनराजि भड़क रहे हैं । जांच करने के बजाय भड़क कर चले जा रहे हैं। वनराजियों को समझाना बुझाना मुश्किल हो चुका है।

loksabha election banner

एक तरफ वनराजियों की जांच के लिए शिविर लगाने की मांग की जा रही है दूसरी तरफ जांच के लिए पहुंचते ही वनराजि जांच नहीं कराने की जिद पर अड़ रहे हैं। जिद भी ऐसी की राहत सामग्री वापस लौटा कर शिविर से चले जा रहे हैं। यह सब नजारा तहसील के खेतार कन्याल में लगे शिविर में देखने को मिला। वनराजियों को राहत सामग्री बांटने के अलावा उनकी जांच के लिए उपजिलाधिकारी केएन गोस्वामी के नेतृत्व में टीम पहुंची। तीन वनराजि गांव मदनपुरी, कूटा चौरानी के वनराजि पहुंचे। जहां उन्हें कोरोना के बारे में बताते हुए जागरू क किया। जिसे वनराजियों ने ध्यान से सुना। राहत सामग्री भी प्राप्त की। यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद जैसे ही उनके सैंपल लेने के लिए चिकित्सक सामने आए तो वनराजि के लोग भड़क गए।

डीडीहाट सीएचसी के प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. बीएस मेहरा आगे आए तो उन्हें देखते ही वनराजियों का मिजाज बदल गया। राहत सामग्री छोड़ कर वनराजि के लोग उठ कर जाने लगे। जिसका जिस दिशा की तरफ मुंह था वह वहीं को निकलने लगा। शिविर में अफरा तफरी का माहौल बन गया। एसडीएम गोस्वामी सहित चिकित्साधिकारी व अन्य लोग समझाने लगे परंतु वनराजियों ने किसी को सुनने से मना कर दिया।

हमको मरने दो परंतु जांच नहीं कराएंगे

एसडीएम केएन गोस्वामी समझाते रहे। एसडीएम की बातों को एक कान से सुनकर दूसरे कान से निकालते हुए वनराजि हमको मरने दो फिर भी जांच नहीं कराएंगे कहते भाग गए। अलबत्त्ता मदनपुरी के 17 , कूटा के दो और चौरानी के एक युवा की एंटी रैपिड जांच की गई । सभी बीस जांच में नेगेटिव पाए गए। कूटा, चौरानी के 56 वनराजि महिला पुरु ष बच्चे सभी शिविर से चले गए। ग्राम प्रधान की भी वनराजियों ने एक नहीं सुनी।

कुछ तत्वों ने वनराजियों के मन में पैदा किया है भ्रम

एक रात पहले तक जांच के लिए तैयार वनराजि अचानक दूसरे दिन चिकित्सकों को देखते ही भड़क गए। इस संबंध में ग्राम प्रधान महेश कन्याल बताते हैं कि कुछ लोगों ने वनराजियों के सीधे स्वभाव को देखते हुए भ्रामक बातें उनके बीच फैला दी है। चिकित्सक आएंगे गले से खून लेंगे उसके बाद वनराजियों को डीडीहाट या फिर पिथौरागढ़ ले जाकर अस्पताल में रख देंगे। यह बातें वनराजियों के दिल और दिमाग में बैठ चुकी हैं। जिसके चलते डॉक्टरों को देखते ही वनराजियों के हाव भाव बदल जाते हैं। सहमति असहमति में बदल जाती है। दूसरी तरफ जौलजीबी के निकट किमखोला गांव के वनराजियों ने जांच का कोई विरोध नहीं किया। सभी की जांच बिना किसी विवाद के हुई । मदनपुरी के वनराजियों ने भी बिना हील हवाली के अपनी जांच कराई ।

एसडीएम डीडीहाट ने बताया कि वनराजियों की जांच आवश्यक है। जिलाधिकारी के निर्देश के तहत सभी की जांच कर सैंपल लिए जाने हैं। किसी बात को लेकर वनराजि भड़क रहे हैं। उन्हें समझा बुझा कर जांच और वैक्सीनेशन के लिए प्रेरित करने का कार्य जारी है। इसके लिए प्रयास जारी हैं। टीम फिर से गांव जाएगी और जांच का प्रयास किया जाएगा।

Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.