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बाघ-तेंदुए को बचाने के लिए वन विभाग कुत्तों को लगा रहा टीके, जानिए क्‍या है मामला

वन विभाग व डब्लूडब्लूएफ की टीम इन दिनों बाघ व गुलदार की मौजूदगी वाले जंगलोंं के आसपास कुत्तों को पकड़कर उनका टीकाकरण कर रही है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sun, 17 Mar 2019 12:40 PM (IST)Updated: Sun, 17 Mar 2019 12:40 PM (IST)
बाघ-तेंदुए को बचाने के लिए वन विभाग कुत्तों को लगा रहा टीके, जानिए क्‍या है मामला
बाघ-तेंदुए को बचाने के लिए वन विभाग कुत्तों को लगा रहा टीके, जानिए क्‍या है मामला

हल्द्वानी, जेएनएन : वन विभाग व डब्लूडब्लूएफ की टीम इन दिनों बाघ व गुलदार की मौजूदगी वाले जंगलोंं के आसपास कुत्तों को पकड़कर उनका टीकाकरण कर रही है। दरअसल, कुत्तों के अंदर एक खास तरह का वायरस होता है। जिससे बाघ-गुलदार समेत उन वन्यजीवों को खतरा पैदा होता है, जो इनका शिकार करते हैं। फिलहाल वन विभाग का फोकस नंधौर सेंचुरी व पवलगढ़ कंजरवेशन सेंटर के आसपास है। चिकित्सकों की टीम लगातार वहां मौजूद कुत्तों पर नजर रख रही है।

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पिछले साल अक्टूबर में गिर (गुजरात) के जंगलों में शेरों की संदिग्ध मौत से हड़कंप मच गया था। उस दौरान पता चला था कि कैनाइन डिस्टेंपर वायरस (सीडीपी) की वजह से शेरों की मौत हुई। कुत्तों के जरिये यह बीमारी पहुंची थी। हालांकि तब भी उत्तराखंड में ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया था। इसके बावजूद वेस्टर्न सर्किल के अफसरों ने बैठक के दौरान बाघ-गुलदार की मौजूदगी वाले एरिया में वायरस का प्रभाव खत्म करने को लेकर पूर्व तैयारी करने की बात कही थी।

अब डब्लूडब्लूएफ (वल्र्ड वाइल्ड फंड) के सहयोग से महकमे ने वैक्सीनेशन का काम शुरू कर दिया है। डब्लूडब्लूएफ के मिराज अनवर के मुताबिक जंगल एरिया के पास रहने वाले लोग कुत्ते पालते हैं, लेकिन जागरूकता की कमी के कारण टीकाकरण नहीं करवाते। वहीं, जंगल एरिया में वन्यजीवों द्वारा इन कुत्तों का शिकार करने पर बीमारी फैलने का खतरा बनता है। लिहाजा कैनाइन वायरस का प्रभाव खत्म करने को वेनगार्ड नामक वैक्सीन लगाया जा रहा है।

यूपी भी गई थी टीम

वन विभाग के डॉ. आयुष उनियाल व विमल के नेतृत्व में कुत्तों का वैक्सीनेशन करवाया जा रहा है। जरूरत पडऩे पर स्थानीय पशु चिकित्सकों की मदद भी ली जा रही है। यह टीम यूपी के अमानगढ़ में भी प्रशिक्षण देकर आ चुकी है। डॉ. उनियाल के मुताबिक बाघ-गुलदार के बचाव को लेकर काम किया जा रहा है, लेकिन टीकाकरण से कुत्तों को भी फायदा है। इससे उनके अंदर संक्रमण की संभावना खत्म होगी।

वन्‍यजीवों की सुरक्षा को लेकर किया जा रहा प्रयास

डॉ. पराग मधुकर धकाते, वन संरक्षक पश्चिमी वन वृत्त ने बताया कि वन विभाग वैक्सीनेशन के जरिये पहले से बचाव का तरीका अपना रहा है। नंधौर व पवलगढ़ पर फोकस ज्यादा है। वन्यजीवों की सुरक्षा व स्वास्थ्य को लेकर हरसंभव प्रयास किया जाएगा।

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