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उत्तराखंड चुनाव 2022 : विवादित छवि पर सौम्यता भारी, जानिए कौन हैं शिव अरोड़ा, जिन्होंने मौजूदा विधायक का काटा पत्ता

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 प्रत्याशियों की सूची जारी होने से करीब एक सप्ताह पहले ही चर्चा थी कि रुद्रपुर सीट की तस्वीर 26 जनवरी से पहले साफ नहीं होगी। इसे लेकर विधायक ठुकराल का टिकट कटने के कयास लगाए जा रहे थे जो सही साबित हुई।

By Prashant MishraEdited By: Published: Wed, 26 Jan 2022 10:18 PM (IST)Updated: Wed, 26 Jan 2022 10:18 PM (IST)
उत्तराखंड चुनाव 2022 : विवादित छवि पर सौम्यता भारी, जानिए कौन हैं शिव अरोड़ा, जिन्होंने मौजूदा विधायक का काटा पत्ता
कभी चुनाव नहीं हारे विधायक राजकुमार ठुकराल टिकट पाने के खेल में फेल हो गए।

जागरण संवाददाता, रुद्रपुर : उत्तराखंड के ऊधमसिंह नगर के रुद्रपर टिकट को लेकर काफी संस्पेंस था। लोग तरह-तरह के कयास लगा रहे थे। पहली सूची में नाम फाइनल न होने से मामला फंसा हुआ बताया जा रहा था। काफी जद्दोजहद के बाद गणतंत्र दिवस की देर शाम आखिर सूची आ ही गई। रुद्रपुर से भाजपा ने जिलाध्यक्ष शिव अरोरा पर भरोसा जताया। कभी चुनाव नहीं हारे विधायक राजकुमार ठुकराल टिकट पाने के खेल में फेल हो गए।

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भाजपा ने 20 जनवरी को 59 प्रत्याशियों की सूची जारी की। मगर 11 सीटों को पेंडिंग में डाल दिया गया। इसमें ऊधमसिंह नगर की मुख्यालय सीट रुद्रपुर भी शामिल थी। हालांकि प्रत्याशियों की सूची जारी होने से करीब एक सप्ताह पहले ही चर्चा थी कि रुद्रपुर सीट की तस्वीर 26 जनवरी से पहले साफ नहीं होगी। इसे लेकर विधायक ठुकराल का टिकट कटने के कयास लगाए जा रहे थे, जो सही साबित हुई।

ठुकराल व अरोरा की मजबूत दावेदारी को लेकर संगठन असमंजस की स्थिति में रहा कि दो बार से ठुकराल विधायक हैं तो दूसरी ओर संगठन में अरोरा की मजबूत पकड़। शुक्रवार को दिल्ली से आई चार सदस्यीय टीम ने रुद्रपुर आकर दोबारा सर्वे किया। राजकुमार ठुकराल डिग्री कालेज छात्र संघ के दो बार अध्यक्ष चुने गए थे। पार्षद, नगर पालिका अध्यक्ष व दो बार लगातार रुद्रपुर से विधायक चुने गए हैं। ठुकराल ने तराई के कद्दावर नेता व पूर्व कैबिनेट मंत्री तिलकराज बेहड़ को दोनों बार हराया था। अक्सर विवाद में बने रहने, हिन्दू विरोधी व संगठन के खिलाफ कथित ऑडियो इंटरनेट मीडिया में वायरल होने ठुकराल पर भारी पड़ गया।

हालांकि ठुकराल ने खुद शुक्रवार को कथित ऑडियो को लेकर प्रेसवार्ता कर मीडिया के सामने सफाई दी और कहा कि साजिश के तहत उन्हें बदनाम करने के लिए झूठी ऑडियो वायरल जारी होने की बात कही थी।  इधर ,संगठन व पार्टी में बेहतर तालमेल बैठाने, प्रबंधन में माहिर, सौम्य व्यवहार, दो बार से लगातार जिलाध्यक्ष के दौरान जिले में काशीपुर व रुद्रपुर नगर निगम चुनाव फतह करने का फायदा शिव अरोरा को मिला। उत्तर प्रदेश के जमाने मे रुद्रपुर हल्द्वानी विधानसभा में आता था। इस सीट पर वर्ष, 1993 से लगातार पंजाबी समाज से विधायक चुने जा रहे हैं। इस देखना है कि यह बरकरार रह पाता है या नहीं। यह तो के ही पता चल पाएगा। रुद्रपुर सीट से अभी तक आप ने किसी प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है।


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