उत्तराखंड परिवहन निगम जनवरी में पूरा नहीं कर सका टारगेट, ये रहा कारण
उत्तराखंड परिवहन निगम जनवरी में अपना टारगेट पूरा नहीं कर सका। कमाई के मामले में पिछडऩे की वजह किसान आंदोलन के साथ-साथ वाल्वो बस से यात्रियों की दूरी भी रही। काठगोदाम डिपो में 13 लाख 74 हजार के मुकाबले औसतन प्रतिदिन 11 लाख करीब आय हुई।
हल्द्वानी, जागरण संवाददाता : उत्तराखंड परिवहन निगम जनवरी में अपना टारगेट पूरा नहीं कर सका। कमाई के मामले में पिछडऩे की वजह किसान आंदोलन के साथ-साथ वाल्वो बस से यात्रियों की दूरी भी रही। काठगोदाम डिपो में 13 लाख 74 हजार के मुकाबले औसतन प्रतिदिन 11 लाख करीब आय हुई। जबकि हल्द्वानी डिपो के लक्ष्य 12 लाख के सापेक्ष यह 9-10 लाख ही रहा। ऐसे में रोडवेजकर्मियों की चिंता बढऩी लाजिमी है। क्योंकि, बजट के अभाव में उन्हें पांच माह से वेतन नहीं मिल सका।
परिवहन निगम हर रीजन को प्रतिमाह और प्रतिदिन के हिसाब से कमाई का टारगेट देता है। हर महीने का लक्ष्य अलग होता है। इसमें देखा जाता है कि टूरिस्ट सीजन कौनसा है, त्योहारी व शादी सीजन के साथ आफ सीजन का भी ध्यान रखा जाता है। जुलाई से लेकर अगस्त को कम आय वाले महीनों की श्रेणी में डाला गया है। इस दौरान बारिश के चलते लोग घरों से कम निकलते हैं। वहीं, अफसरों के मुताबिक जनवरी में काठगोदाम व हल्द्वानी डिपो लक्ष्य से पीछे रहे।
नैनीताल रीजन में इन दो डिपो के पास गाडिय़ों की संख्या सबसे ज्यादा है। काठगोदाम डिपो के पास वाल्वो बसें होने के कारण उसकी आय ज्यादा रखी गई थी। आमतौर पर वाल्वो का दिल्ली रूट पर एक फेरा 35 हजार तक माना जाता है। मगर इस बार 20 हजार भी मुश्किल से मिल सके। वहीं, रोडवेज अफसरों का कहना है कि सबसे ज्यादा इनकम दिल्ली रूट से मिलती है। लेकिन किसान आंदोलन के चलते इस मार्ग की सेवाएं खासा प्रभावित हुई।