ई-भुगतान में उत्तराखंड रहा अव्वल, दूसरे स्थान पर तमिलनाडु व तीसरे पर महाराष्ट्र NAINITAL NEWS
देश में दो केंद्र शासित राज्य सहित 18 राज्यों की 417 मंडियों में चल रही ईनाम योजना में होने वाले ई-पेमेंट में उत्तराखंड अव्वल है।
रुद्रपुर, अरविंद कुमार सिंह : उत्तराखंड भले ही छोटा राज्य है, पर ई-भुगतान के मामले में वह अन्य राज्यों से काफी आगे निकल गया है। देश में दो केंद्र शासित राज्य सहित 18 राज्यों की 417 मंडियों में चल रही ईनाम योजना में होने वाले ई-पेमेंट में उत्तराखंड अव्वल है। इससे किसानों को कृषि उत्पादों को मूल्य का वाजिब दाम मिल रहा है।
बिचौलियों से बचाने के लिए मंडियों में राष्ट्रीय कृषि बाजार योजना शुरू की गई। देश के किसी भी हिस्से से व्यापारी किसान का माल ऑनलाइन क्रय कर सकते हैं और व्यापारी भी माल बेच सकते हैं। ऑनलाइन भुगतान भी किसानों के खाते में कर दिया जाता है। यहीं नहीं, उत्पाद की गुणवत्ता परखने के लिए कई मंडियों में कृषि लैब खोली गई हैं। कुछ लैब में उपकरण उपलब्ध कराए जा रहे हैं। योजना से राज्य की 16 मंडियां जुड़ी हैं। इनमें हरिद्वार, काशीपुर, गदरपुर, किच्छा व सितारगंज में लैब चालू हैं, जबकि अन्य मंडियों में खुली लैब में उपकरण मुहैया कराए जा रहे हैं। योजना में आंध्र प्रदेश, चंडीगढ़, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिसा, पुड्डुचेरी, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड व पश्चिम बंगाल की 417 मंडियां जुड़ी हैं। इनमें व्यापारी 6464 और किसान 51489 हैं। योजना मेें 366.34 करोड़ रुपये ई-भुगतान किया गया है। इनमें उत्तराखंड में 77.60 करोड़ हुआ है, जो सबसे अधिक हुआ है। 54.05 करोड़ का ई-भुगतान कर तमिलनाडु दूसरे व 49.43 करोड़ भुगतान कर महाराष्ट्र तीसरे स्थान पर रहा। इससे साबित होता है कि उत्तराखंड के किसान अन्य राज्यों की अपेक्षा ज्यादा प्रगतिशील हैं और योजना के प्रति उनमें रुचि है। योजना में उत्पाद बेचने में भी किसानों को कुछ समय इंतजार करना पड़ता हो, मगर उत्पाद की वाजिब कीमत मिल रही है।
किसानों का ई ट्रेडिंग के प्रति रुझान बढ़ा
आयुष अग्निहोत्री, राज्य समन्वयक, ईनाम योजना ने बताया कि योजना में ई-भुगतान के मामले में उत्तराखंड अव्वल है। किसानों का रुझान ई-ट्रेडिंग के प्रति तेजी से बढ़ रहा है।