हिमांशु जोशी, हल्द्वानी : Uttarakhand News: शादी के लिए हल्द्वानी में प्लाट और सरकारी नौकरी लड़कियों की पहली पसंद बन गई है। यही कारण है कि कुमाऊं क्षेत्र के कई युवा शादी के लिए परेशान होकर इंटरनेट मीडिया के माध्यम से लड़कियां ढूंढने लग गए हैं। इसके बावजूद शादी होने में बहुत मुश्किलें आ रही हैं।

कुमाऊं के सबसे बड़े शहर हल्द्वानी में आज से 10 साल पहले दमुवाढूंगा, कमलुवागांजा और हल्दूचौड़ क्षेत्र में 500 से 700 रुपये स्क्वायर फीट के हिसाब से प्लाट बिकते थे, आज यह कीमत 2700 से 3000 तक पहुंच गई है। रजिस्ट्री शुल्क भी बहुत अधिक हो चुका है।

युवाओं के लिए प्लाट खरीदना आसान नहीं

ऐसे में हल्द्वानी और रुद्रपुर जैसे शहरों में आठ हजार से 25 हजार रुपये की नौकरी करने वाले युवाओं के लिए प्लाट खरीदना आसान नहीं है। इस पर सरकारी नौकरी की शर्त युवाओं के शादी के सपने तोडऩे के लिए काफी है। कई युवा ऐसे भी हैं, जो फेसबुक पर बने शादी के ग्रुप में कुंडली पोस्ट कर रहे हैं। आनलाइन शादी के एप पर जीवनसाथी को ढूंढ रहे हैं, लेकिन जब शर्तें अजीबोगरीब होने लग रही हैं तो निराश हो जा रहे हैं।

चंपावत और पिथौरागढ़ के युवाओं की नेपाल दौड़

भारत और नेपाल का रोटी और बेटी का नाता है। इसलिए दोनों देशों के युवा और युवतियों के बीच शादी के रिश्ते आम बात है। काली नदी के आसपास के क्षेत्र को छोड़ दें अन्य क्षेत्र में नेपाल से शादी के मामले पिछले 40-50 वर्षों में न के बराबर सामने आए हैं, लेकिन अब चंपावत, अल्मोड़ा और पिथौरागढ़ के युवा फिर से शादी के लिए नेपाल का रूख करने लग गए हैं।

चंपावत का एक युवक रुद्रपुर के सिडकुल में काम करता है। पिछले महीने उसकी अल्मोड़ा निवासी एक युवती के साथ शादी के लिए बातचीत हुई। कुंडली मिली और फोटो भी एक दूसरे को पसंद आ गई लेकिन एक हफ्ते बाद हल्द्वानी में जमीन की डिमांड के कारण शादी कैंसिल हो गई।

अल्मोड़ा निवासी एक युवक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करता है। जिसके लिए घरवाले पिछले पांच साल से लड़की ढूंढ रहे हैं। जिसकी उम्र अब 32 साल हो गई है, लेकिन हर बार मामला हल्द्वानी या किसी बड़े शहर में जमीन और मकान को लेकर फंस जाता है।

चंपावत के ही एक युवक की शादी भी हल्द्वानी में जमीन और सरकारी नौकरी न होने के कारण हो नहीं पा रही है। कई बार रिश्ता तय होने के बावजूद शहर में जमीन जायदाद न होने के कारण कैंसिल हो रही है। लड़की न मिलने के कारण पिछले दिनों ही युवक ने आनलाइन शादी के एप पर भी डिटेल पोस्ट कर दी है। युवक के मुताबिक घर वाले अब नेपाल से भी लड़की ढूंढने का प्रयास कर रहे हैं।

शादी को लेकर अच्छा वेतन और जमीन की मांग अब आम हो गई है। शादियों को लेकर मेरे पास कई कुंडलियां आती हैं, जिनमें अधिकांश मामले ऐसे ही होते हैं।

- आचार्य डा. रमेश चंद्र जोशी, ज्योतिषाचार्य और पंचांगकार

टेक्नोलाजी के समय में युवाओं के सोचने और समझने की क्षमता का दायरा बढ़ गया है। साथ ही आर्थिकी भी पहले की तुलना काफी सुधर गई है। ऐसे में शादी को लेकर जमीन और सरकारी नौकरी की डिमांड आम हो गई है। इसके पीछे समाज में देखादेखी भी एक कारण है।

- डा. एचएस भाकुनी, असिस्टेंट प्रोफेसर एमबीपीजी कालेज हल्द्वानी

पलायन करने वालों में 26 से 35 साल के युवाओं की संख्या ज्यादा

प्रदेश में पिछले 10 सालों में जितना भी पलायन हुआ है, उनमें सबसे अधिक 26 से 35 साल के युवाओं की संख्या है। बेहतर शिक्षा और रोजगार की तलाश में इस उम्र के 42.25 प्रतिशत युवाओं ने अपना गांव छोड़कर नजदीकी कस्बों, जिला मुख्यालयों, दूसरे जिलों, राज्य या देश से बाहर रुख किया है। इसके पीछे शादी के लिए रोजगार की तलाश में बड़े शहरों का रूख करना भी बड़ा कारण है।

Edited By: Nirmala Bohra