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Uttarakhand News: हाईकोर्ट ने परिवहन आयुक्त के आदेश पर लगाई रोक, काशीपुर के लोगों को मिलेगी बड़ी राहत

Nainital High Court याचिका में कहा गया है कि प्रदेश के परिवहन आयुक्त कार्यालय ने 5 नवंबर को आदेश जारी कर कहा कि काशीपुर और जसपुर की गाड़ियों की फिटनेस जांच रुद्रपुर में स्थित निजी कंपनी करेगी और वही सर्टिफिकेट भी जारी करेगी।

By Jagran NewsEdited By: Rajesh VermaPublished: Sat, 26 Nov 2022 02:33 PM (IST)Updated: Sat, 26 Nov 2022 02:33 PM (IST)
Uttarakhand News: हाईकोर्ट ने परिवहन आयुक्त के आदेश पर लगाई रोक, काशीपुर के लोगों को मिलेगी बड़ी राहत
मामले में अगली सुनवाई 16 दिसंबर के लिए नियत कर दी है।

नैनीताल, जागरण संवाददाता। Nainital high Court: हाई कोर्ट ने काशीपुर के ट्रांसपोर्ट वाहनों की फिटनेस काशीपुर के बजाय रुद्रपुर में एक निजी कंपनी से कराने को लेकर परिवहन आयुक्त के आदेश पर फिलहाल रोक लगा दी है। वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा की एकलपीठ ने मामले में अगली सुनवाई 16 दिसंबर के लिए नियत कर दी है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि आम लोगों की सहूलियत के लिए परिवहन वाहनों की फिटनेस टेस्ट और उसके सर्टिफिकेट काशीपुर के एआरटीओ कार्यालय से ही जारी किए जाएं।

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5 नवंबर को जारी हुआ था आदेश

काशीपुर निवासी प्रवीण कुमार ने याचिका दायर कर परिवहन आयुक्त के आदेश को चुनौती दी है। याचिका में कहा गया है कि प्रदेश के परिवहन आयुक्त कार्यालय ने 5 नवंबर 2022 को आदेश जारी कर कहा कि काशीपुर और जसपुर के बड़े व छोटे ट्रांसपोर्ट गाड़ियों के फिटनेस जांच अब रुद्रपुर में स्थित लखनऊ की एक निजी कंपनी करेगी और वही सर्टिफिकेट भी जारी करेगी। इस ऑटोमेटिक टेस्टिंग सेंटर (एटीसी) को भी परिवहन आयुक्त कार्यालय ने बिना टेंडर के ठेका दे दिया, जो नियम विरुद्ध है।

काशीपुर से रुद्रपुर जाना असुविधाजनक व खर्चीला

याचिका में कहा गया कि जब एआरटीओ का कार्यालय काशीपुर में है तो उनके वाहनों के फिटनेस सर्टिफिकेट भी वहीं से जारी किए जाएं। रुद्रपुर जाना असुविधाजनक व खर्चीला है। इसके अलावा वाहनों को अपने परमिट क्षेत्र से बाहर जाना पड़ रहा है। 2013 में एआरटीओ कार्यालय काशीपुर में खुलने के बाद न्यायालय ने आमलोगों की सहूलियत को देखते हुए एक माह के भीतर इस क्षेत्र की सभी फाइलों को रुद्रपुर से काशीपुर कार्यालय में शिफ्ट करने के आदेश दिए थे। उसके बाद भी परिवहन कार्यालय ने यह आदेश दिया है, जिस पर रोक लगाई जाय।

हल्द्वानी में भी परिवहन विभाग कर रहा ऐसी तैयारी

परिवहन विभाग हल्द्वानी में भी फिटनेस जांच और सर्टिफिकेट जारी करने का जिम्मा निजी कंपनी को देने जा रहा है। बताया गया है कि छह महीने बाद यह व्यवस्था लागू हो जाएगी। कई ट्रांसपोर्टर लागू होने से पहले इसका विरोध भी कर चुके हैं। ऊधम सिंह नगर के मामले में आए हाई कोर्ट के आदेश का असर हल्द्वानी में पड़ता है या नहीं, यह देखने वाली बात होगी।


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