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Chardham Devasthanam Board : हाईकोर्ट ने देवस्थानम बोर्ड को बताया संवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट जाएंगे स्वामी

मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने नेता सुब्रमण्यम स्वामी को झटका देते हुए Devasthanam Board को संवैधानिक करार दिया है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Tue, 21 Jul 2020 10:47 AM (IST)Updated: Tue, 21 Jul 2020 09:21 PM (IST)
Chardham Devasthanam Board : हाईकोर्ट ने देवस्थानम बोर्ड को बताया संवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट जाएंगे स्वामी
Chardham Devasthanam Board : हाईकोर्ट ने देवस्थानम बोर्ड को बताया संवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट जाएंगे स्वामी

नैनीताल, जेएनएन : Chardham Devasthanam Board चारधाम देवस्थानम अधिनियम को लेकर हाईकोर्ट से प्रदेश सरकार को बड़ी राहत मिली है। मामले में मंगलवार को सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने राज्यसभा सांसद व भाजपा के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी को झटका देते हुए अधिनियम को संवैधानिक करार दिया है। इस अम फैसले के बाद प्रदेश सरकार को बड़ी राहत मिली है।  कोर्ट ने अधिनियम को चुनौती देती सांसद सुब्रमण्यम स्वामी की जनहित याचिका खारिज कर दी। स्वामी ने मामले को सुप्रमी कोट ले जानी की बात कही है।

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देवस्थानम अधिनियम Devasthanam Board के विरोध में सुब्रमण्यम स्वामी ने उत्तराखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की। थी जिसमें उन्होंने कहा था कि सरकार द्वारा लाया गया यह एक्ट असंवैधानिक है और संविधान के अनुच्छेद 25,26 और 32 और जनभावनाओं के विरुद्ध है। जबकि सरकार की ओर से कहा गया था कि यह अधिनियम संवैधानिक है और सरकार को इसका अधिकार है।

इस मामले में रुलक संस्था ने भी सरकार के अधिनियम का समर्थन करते हुए स्वयं पक्षकार का प्रार्थना पत्र दाखिल किया था। मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने फैसला सुनाते हैं अधिनियम को संवैधानिक करार दिया है।

सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे स्वामी

वहीं फैसला आने के बाद स्वामी ने ट्वीट करते हुए कहा है कि ऐसा प्रतीत होता है कि उत्तराखंड का मामला कुछ खंडों के अधीन खारिज हो गया है। आदेश की पूरी कॉपी मिलने के बाद बाद सुप्रीम कोर्ट जाऊंगा। स्वामी ने दूसरा ट्वीट करते हुए लिखा है कि मुझे हाईकोर्ट से हार के बाद सुप्रीम कोर्ट से जीत मिली है। 2 जी स्पेक्ट्रम समेत कुछ केस इसके उदाहरण है। फैसले की पूरी कॉपी देखने के बाद मैं सुप्रीम कोर्ट जाऊंगा।

क्या है चारधाम देवस्थानम एक्ट

चारधाम और उनके आसपास के 51 मंदिरों में अवस्थापना सुविधाओं का विकास, समुचित यात्रा संचालन एवं प्रबंधन के लिए उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन अधिनियम का गठन किया गया है। बोर्ड के अध्यक्ष मुख्यमंत्री होंगे। संस्कृति मामलों के मंत्री को बोर्ड का उपाध्यक्ष बनाया गया है। मुख्य सचिव, सचिव पर्यटन, सचिव वित्त व संस्कृति विभाग भारत सरकार के संयुक्त सचिव स्तर तक के अधिकारी पदेन सदस्य होंगे।

यह भी हाेंगे बोर्ड में

टिहरी रियासत के राजपरिवार के एक सदस्य, हिंदू धर्म का अनुसरण करने वाले तीन सांसद, हिंदू धर्म का अनुसरण करने वाले छह विधायक, राज्य सरकार द्वारा चार दानदाता, हिंदू धर्म के धार्मिक मामलों का अनुभव रखने वाले व्यक्ति, पुजारियों, वंशानुगत पुजारियों के तीन प्रतिनिधि इसमें शामिल होंगे। चारधाम देवस्थानम अधिनियम चारधाम और उनके आसपास के मंदिरों की व्यवस्था में सुधार के लिए है। मकसद ये है कि यहां आने वाले यात्रियों का ठीक से स्वागत हो और उन्हें बेहतर सुविधाएं मिलें। साथ ही बोर्ड भविष्य की जरूरतों को भी पूरा करे।


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