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    उत्तराखंड वन विभाग के कर्मचारी ने पत्नी की जगह सास को बनाया उत्तराधिकारी, मौत के बाद खुला राज

    Updated: Sat, 01 Nov 2025 06:59 PM (IST)

    नैनीताल में वन विभाग के एक कर्मचारी ने पत्नी की जगह सास को उत्तराधिकारी बनाया। कर्मचारी की मृत्यु के बाद, पत्नी के आवेदन को विभाग ने खारिज कर दिया। पत्नी ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की। कोर्ट ने विभाग को तीन महीने के भीतर अनुकंपा नियुक्ति के दावे पर निर्णय लेने का निर्देश दिया है। विभाग पहले ही विधवा को जीपीएफ की राशि जारी कर चुका है।

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    कर्मचारी की मौत के बाद पत्नी के अनुकंपा नियुक्ति के आवेदन से खुला राज. Concept Photo

    जागरण संवाददाता, नैनीताल। राज्य के वन विभाग के कर्मचारी ने सर्विस रेकॉर्ड में धर्मपत्नी के स्थान पर सास को उत्तराधिकारी बना दिया। कर्मचारी की मौत के बाद जब पत्नी ने जब मृतक आश्रित पद पर नियुक्ति तथा पेंशन से संबंधित देयकों के भुगतान के लिए वन विभाग में आवेदन किया तो विभाग ने दावे को खारिज कर दिया। अब पत्नी ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर विभाग के निर्णय को चुनौती दी है। कोर्ट ने पत्नी को जीपीएफ आदि के भुगतान में हिस्सेदारी के आधार पर पत्नी के दावे पर तीन माह के भीतर निर्णय लेने के निर्देश दिए हैं।

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    वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ ने महिला की ओर दायर याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने वन विभाग को निर्देश दिया कि चूंकि विभाग मृत कर्मचारी की सामान्य भविष्य निधि (जीपीएफ) की एक राशि उसकी विधवा को जारी कर चुका है, जिससे याचिकाकर्ता को कर्मचारी की पत्नी के रूप में मान्यता मिल चुकी है, इसलिए अब विभाग को कानून के अनुसार तीन महीने के भीतर अनुकंपा नियुक्ति के दावे पर निर्णय लेना चाहिए। सास को उत्तराधिकारी बनाने का मामला विभाग में चर्चा का विषय बना है।

    याचिकाकर्ता महिला ने कहा कि उसके पति किशन सिंह धपोला वन विभाग में चौकीदार के रूप में कार्यरत थे। सेवा में रहते हुए 2020 में उनका निधन हो गया था। याचिकाकर्ता ने विभाग से अनुकंपा नियुक्ति, पारिवारिक पेंशन और अन्य सेवा लाभों का अनुरोध किया था। राज्य सरकार की ओर से अदालत को बताया गया कि याचिकाकर्ता और उसके पति के बीच संबंध तनावपूर्ण थे और याचिकाकर्ता ने पूर्व में भरण-पोषण का मामला भी दायर किया था।