20 साल में उत्तराखंड आयोग ने महज छह बार आयोजित की पीसीएस परीक्षा
राज्य लोक सेवा आयोग ने 20 साल में महज छह बार ही पीसीएस की परीक्षा आयोजित की है। इन परीक्षाओं के परिणाम आने में भी सालों लग गए। वहीं 2016 के बाद आयोग अब 2021 में परीक्षा आयोजित करने की तैयारी कर रहा है।
नैनीताल, जागरण संवाददता : राज्य लोक सेवा आयोग ने 20 साल में महज छह बार ही पीसीएस की परीक्षा आयोजित की है। इन परीक्षाओं के परिणाम आने में भी सालों लग गए। वहीं 2016 के बाद आयोग अब 2021 में परीक्षा आयोजित करने की तैयारी कर रहा है। आयोग ने लोअर पीसीएस के साथ ही परिधि के अन्य पदों की विज्ञप्ति जारी कर दी है, जल्द डिप्टी कलेक्टर के पदों के लिए विज्ञप्ति जारी होनी है।
हाईकोर्ट में याचिकाकर्ता व गदरपुर निवासी गुलफाम अली राजी की ओर से आरटीआई में मांगी सूचना के अनुसार राज्य लोक सेवा आयोग ने पीसीएस 2002 का परिणाम नौ जून 2005 में, 2004 की परीक्षा का परिणाम आठ नवंबर 2008 को घोषित किया था। जबकि 2006 की परीक्षा का परिणाम 14 जून 2010 को, 2010 की परीक्षा का परिणाम 23 अगस्त 2014 को, 2012 की परीक्षा का परिणाम 27 अगस्त 2017 को जबकि 2016 की पीसीएस परीक्षा का परिणाम पांच जुलाई 2019 को घोषित किया था। 2016 के बाद परीक्षा नहीं होने से नाराज युवा लंबे समय से इंटरनेट मीडिया में मुहिम छेड़े थे। यहां उल्लेखनीय है कि राज्य में बड़े पैमाने पर तहसीलदारों के पद रिक्त हैं। डिप्टी कलेक्टर के पदों की रिक्तियों में भी हर साल बढ़ोतरी हो रही है।
हाईकोर्ट के फैसले से जगी उम्मीद
हाईकोर्ट ने राज्य के सचिव कार्मिक को पीसीएस परीक्षा में अभ्यर्थियों की आयुसीमा बढ़ाने व फार्म भरने की अंतिम तिथि को बढ़ाने को लेकर दो सप्ताह में निर्णय लेने के निर्देश दिए हैं। वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने उधमसिंह नगर जिले के आशुतोष भट्ट,अमित बाटला, गुलफाम,हरेंद्र रावत की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किए। इनका कहना था कि उनकी आयु सीमा 45 साल हो गयी है जबकि इस परीक्षा के लिए अधिकतम आयु सीमा 42 साल है। 10 अगस्त 2021 को परीक्षा का विज्ञापन जारी किया गया था।
सी सेट पैटर्न का पैटर्न बन गई थी बाधा
2014 में सी सेट पैटर्न लागू किया था। नए पैटर्न के चलते वह क्वालीफाई नहीं कर पाए थे। यह पैटर्न यूपीएससी ने आईएएस की परीक्षा में 2011 में लागू किया गया था। इस पैटर्न के अनुसार जो अभ्यर्थी इस परीक्षा को क्लियर नहीं कर पाए है, उन्हें एप्टीट्यूड टेस्ट पास करने को दो अतिरिक्त अवसर दिए जायेगें। यूपी सरकार ने भी यह अवसर दिया था लेकिन उत्तराखंड में तब से यह परीक्षा ही नहीं हुई जिसका लाभ नहीं मिल सका। तीन साल की आयुसीमा की छूट मिलने पर हजारों युवाओं को परीक्षा में बैठने का अवसर मिलेगा।