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उत्तराखंड बार काउंसिल के चेयरमैन का निर्वाचन दोबारा होगा, जानिए क्‍या है कारण

राज्य के 12 हजार से अधिक अधिवक्ताओं के पंजीकरण वाली संस्था यानी उत्तराखंड बार काउंसिल के चेयरमैन का निर्वाचन अब दोबारा होगा।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Tue, 28 May 2019 09:11 AM (IST)Updated: Tue, 28 May 2019 05:49 PM (IST)
उत्तराखंड बार काउंसिल के चेयरमैन का निर्वाचन दोबारा होगा, जानिए क्‍या है कारण
उत्तराखंड बार काउंसिल के चेयरमैन का निर्वाचन दोबारा होगा, जानिए क्‍या है कारण

नैनीताल, जेएनएन : राज्य के 12 हजार से अधिक अधिवक्ताओं के पंजीकरण वाली संस्था यानी उत्तराखंड बार काउंसिल के चेयरमैन का निर्वाचन अब दोबारा होगा। बार काउंसिल ऑफ इंडिया के ट्रिब्यूनल ने अध्यक्ष पद का चुनाव नए सिरे से कराने का आदेश जारी कर दिया है। बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआइ) के सदस्य पद को लेकर भी याचिका दायर की जा चुकी है, जिस पर अभी फैसला आना बाकी है। 

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छह मई को उत्तराखंड बार काउंसिल के चेयरमैन, वाइस चेयरमैन व बार काउंसिल ऑफ इंडिया के सदस्य पद के लिए चुनाव हुआ था। चेयरमैन पद पर सुरेंद्र पुंडीर व सुखपाल सिंह, वाइस चेयरमैन के लिए राजबीर सिंह व मुनफैत हुसैन, बीसीआइ सदस्य पद के लिए विजय भट्ट, डीके शर्मा, कुलदीप कुमार सिंह, मनमोहन लांबा, योगेंद्र तोमर प्रत्याशी थे। उपाध्यक्ष पद पर मुनफैत हुसैन के नाम वापसी के बाद राजबीर निर्विरोध निर्वाचित हुए। महाधिवक्ता समेत बार काउंसिल के 21 सदस्यों ने मताधिकार का प्रयोग किया था। 

निर्वाचन अधिकारी पूर्व मुख्य न्यायाधीश बीसी कांडपाल, उपनिर्वाचन अधिकारी पूर्व महाधिवक्ता वीबीएस नेगी ने मतगणना कराई तो अध्यक्ष पद पर सुखपाल सिंह को 11 वोट व सुरेंद्र पुंडीर को 10 मत मिले। चुनाव अधिकारी ने एक वोट के आगे रोमन में लिखे जाने व दूसरे के आगे क्रॉस, वन अंकित किए जाने की वजह से उसे अवैध घोषित कर दिया। इस पर आपत्ति दाखिल होने के बाद चुनाव अधिकारी ने चेयरमैन, वाइस चेयरमैन, बीसीआइ सदस्य के निर्वाचन से संबंधित कागजात बीसीआइ ट्रिब्यूनल को भेजे थे।

नियमों की अनदेखी का लगाया है आरोप

सुखपाल की ओर से ट्रिब्यूनल में याचिका दायर कर पूरी निर्वाचन प्रक्रिया निरस्त करने की मांग की गई थी। उनका कहना था कि इस प्रक्रिया में नियमों की अनदेखी की गई है। ट्रिब्यूनल के जस्टिस व कर्नाटक हाई कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस एसके मुखर्जी, जस्टिस आरडी व्यास व जस्टिस मृदुला मिश्रा की खंडपीठ ने चैयरमैन का निर्वाचन निरस्त करते हुए नए सिरे से चुनाव कराने का आदेश मुख्य निर्वाचन अधिकारी को दिया है। वहीं बीसीआइ सदस्य पद पर डीके शर्मा को सर्वाधिक 11 मत मिले थे। अब बीसीआइ सदस्य की निर्वाचन प्रक्रिया को निरस्त करने को लेकर मनमोहन लांबा व योगेंद्र तोमर ने भी ट्रिब्यूनल में याचिका दायर की है। वहीं सुरेंद्र पुंडीर, अध्यक्ष पद के प्रत्याशी का कहना है कि बार काउंसिल ट्रिब्यूनल के आदेश का अध्ययन किया जा रहा है। इसके बाद ही आगे की रणनीति तय होगी। 

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