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मजदूरी की, तोड़े पत्थर और बेचे फूल, केंद्रीय मंत्री अजय भट्ट ने विद्यार्थियों से साझा की अपने संघर्ष की कहानी

गरीब परिवार में जन्म लेकर छोटे बड़े काम कर खुद को बुलंदियों पर पहुंचाने की कहानी केंद्रीय राज्य मंत्री अजय भट्ट पहाड़ के युवाओं के प्रेरणास्त्रोत हैं। उन्होंने विद्यार्थियों को बताया कि गरीबी से संघर्ष कर सपने को साकार करना शर्म की बात नहीं यह गर्व का विषय है।

By Prashant MishraEdited By: Published: Sat, 13 Aug 2022 11:31 PM (IST)Updated: Sat, 13 Aug 2022 11:31 PM (IST)
मजदूरी की, तोड़े पत्थर और बेचे फूल, केंद्रीय मंत्री अजय भट्ट ने विद्यार्थियों से साझा की अपने संघर्ष की कहानी
मैं गरीब परिवार में पैदा हुआ हूं। गरीबी मैंने देखी है। संघर्ष किया, लेकिन पढ़ाई कभी नहीं छोड़ी।

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी। Union Minister of State Ajay Bhatt मैंने बचपन में बेलचा चलाया। पत्थर तोड़े और फूल भी बेचे, लेकिन मुझे मेरी हकीकत पता है। यह कहना है केंद्रीय रक्षा व पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट का।

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वह शनिवार को हरगोविंद सुयाल इंटर कालेज में आयोजित आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम में शामिल हुए थे। उन्होंने अपने जीवन संघर्ष के बारे में बताते हुए सभागार में उपस्थित सैकड़ों छात्र-छात्राओं को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।

गरीबी शर्म नहीं गर्व का विषय 

केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि वह गरीब परिवार में पैदा हुए। जब में सार्वजनिक रूप से ऐसा कहता हूं तो कई बार मेरे बच्चे कहते हैं। पिताजी आप ऐसा क्यों कहते हैं? मेरा जवाब होता है, बेटा मैं गरीब परिवार में पैदा हुआ हूं। गरीबी मैंने देखी है। हर तरह का संघर्ष किया है, लेकिन पढ़ाई कभी नहीं छोड़ी।

आप तो मंत्री के बेटे हैं। इसलिए मुझे ऐसा कहने में किसी तरह की शर्म महसूस नहीं होती है। मैं ऐसी परिस्थिति से आया हूं, जहां खाना नहीं था। इसलिए अपनी औकात को नहीं भूलता। 

गरीबी से संघर्ष कर अपने सपने को साकार करने में शर्म करने की बात नहीं, बल्कि यह गर्व का विषय होता है। यही शिक्षा मैं अपने बच्चों व नई पीढ़ी को देता हूं।

पीएम मोदी भी संघर्षशील व्यक्तित्व

भट्ट ने पीएम नरेंद्र मोदी के संघर्ष को भी बताया और कहा कि कभी वह प्लेटफार्म पर चाय बेचते थे। लोग उन्हें ताने सुनाते थे, लेकिन आज वह विश्व के प्रमुख नेताओं में शुमार हैं। उन्होंने छात्र-छात्राओं को प्रेरित करते हुए कहा कि आपकी नौकरी इस समय केवल पढ़ाई करना है।

खुद को सशक्त बनाना है। यह समय खुद को आलराउंडर बनाने का। पढ़ाई के साथ ही अपना काम स्वयं करें। खुद कपड़े धोना सीखें। खाना बनाने में हाथ बंटाएं। साथ ही उन्होंने उत्तराखंड की पौराणिक, धार्मिक व ऐतिहासिक स्थलों का नाम लेते हुए कहा कि इनकी जानकारी सभी को होनी चाहिए।


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