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आखिरकार जिंदगी की जंग हार गया पर्यावरण मित्र

हल्द्वानी स्थित निजी चिकित्सालय में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे पर्यावरण मित्र की अस्पताल से घर लाते समय मौत हो गई।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sat, 17 Aug 2019 11:35 AM (IST)Updated: Sat, 17 Aug 2019 03:34 PM (IST)
आखिरकार जिंदगी की जंग हार गया पर्यावरण मित्र
आखिरकार जिंदगी की जंग हार गया पर्यावरण मित्र

गरमपानी, जेएनएन : खैरना स्टेट हाईवे स्थित आइटीआइ बमस्यू में कार्यरत दुर्घटना का शिकार कर्मचारी आखिरकार जिंदगी की जंग हार गया। हल्द्वानी स्थित निजी चिकित्सालय में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे पर्यावरण मित्र की अस्पताल से घर लाते समय मौत हो गई। करीब 64 दिन तक पर्यावरण मित्र गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती रहा। याद रहे बीते 12 जून को स्टेट हाईवे  स्थित आइटीआइ बमस्यू में पर्यावरण मित्र के पद पर कार्यरत हिडा़म (ताडीख़ेत ब्लॉक) निवासी प्रकाश राम केएमओ बस से खैरना के लिए रवाना हुआ। आइटीआइ से करीब एक किमी आगे तेज रफ्तार बस कलमठ पर उछल गई। इससे सवार प्रकाश राम का सर बस की छत से जा टकराया और वह मौके पर बेहोश हो गया। उसे सीएसचसी गरमपानी से हायर सेंटर रेफर किया गया। हल्द्वानी स्थित निजी अस्पताल के आपातकालीन कक्ष में भर्ती रहा। बीते गुरुवार को चिकित्सकों के हाथ खड़ा कर देने पर परिजन उसको घर ला रहे थे कि उसने रास्ते पर दम तोड़ दिया। वह अपने पीछे 12 वर्षीय नीरज, 10 वर्षीय सिमरन, आठ वर्षीय साक्षी व पत्नी आशा को रोते बिलखते छोड़ गया।

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नहीं हुई कोई कार्रवाई

प्रकाश के भाई रामलाल के अनुसार उनके भाई की हालत में कभी सुधार नहीं हुआ। आपातकालीन कक्ष में ही रहा। बोल भी नहीं पा रहा था। बस का मालिक एक दिन आया था और उल्टा उन्हें ही दोष देने लगा। तब से कोई नहीं आया। राजस्व पुलिस को भी तहरीर सौंपी गई थी बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई।

इलाज को आइटीआइ कर्मचारियों ने जुटाए थे पैसे

दिवंगत पर्यावरण मित्र के परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद नाजुक है। जब बस मालिक ने कोई मदद नहीं की तो आइटीआइ के कर्मचारी आगे आए और प्रदेशभर की आइटीआइ से करीब अस्सी हजार रुपये की आर्थिक मदद जुटा प्रकाश के भाई रामलाल को सौंपी गई थी। इससे उसका उपचार शुरू हुआ था। एनएस भंडारी, संयुक्त मजिस्ट्रेट रानीखेत का कहना है कि मामला संज्ञान में है। पटवारी को जांच के निर्देश भी दिए गए हैं। जांच कहां तक पहुंची पता लगाएंगे। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद न्यायोचित कार्रवाई की जाएगी। गरीब परिवार के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा।

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