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पिरूल एकत्रीकरण में दो सौ को मिलेगा रोजगार, वन पंचायत, महिला समूह, युवक मंगल दल के माध्यम से जुड़ेंगे युवा

वन विभाग व सेंचूरी पेपर मिल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जेपी नारायण के साथ करार पत्र पर हस्ताक्षर हो चुके हैं। पेपर मिल को ईंधन के रूप में प्रतिदिन 25 मैट्रिक टन पिरूल की जरूरत होगी। पिरूल आपूर्ति के लिए वन विभाग द्वारा पांच साल के लिए करार है।

By Prashant MishraEdited By: Published: Sat, 27 Feb 2021 08:05 AM (IST)Updated: Sat, 27 Feb 2021 10:40 AM (IST)
पिरूल एकत्रीकरण में दो सौ को मिलेगा रोजगार, वन पंचायत, महिला समूह, युवक मंगल दल के माध्यम से जुड़ेंगे युवा
दो रुपये प्रतिकिलो की दर से सेंचुरी पेपर मिल और एक रुपये प्रतिकिलो की दर से वन विभाग दिया जाएगा।

जागरण संवाददाता, नैनीताल :  जिले में पिरूल एकत्रीकरण से करीब दो सौ लोगों को रोजगार मिलेगा और एकत्र होने से दावानल की रोकथाम में भी मदद मिलेगी। पिरूल एकत्रीकरण में वन पंचायत, स्वयं सहायता समूह, युवक मंगल दल आदि के माध्यम से स्थानीय युवाओं-महिलाओं को काम में लाया जाएगा। पिरूल एकत्रीकरण करने पर दो रुपये प्रतिकिलो की दर से सेंचुरी पेपर मिल और एक रुपये प्रतिकिलो की दर से वन विभाग दिया जाएगा।

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डीएफओ टीआर बीजू लाल ने बताया कि वन विभाग व सेंचूरी पेपर मिल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जेपी नारायण के साथ करार पत्र पर हस्ताक्षर हो चुके हैं। पेपर मिल को ईंधन के रूप में प्रतिदिन 25 मैट्रिक टन पिरूल की जरूरत होगी। पिरूल आपूर्ति के लिए वन विभाग द्वारा पांच साल के लिए करार किया गया है। बकौल डीएफओ पिरूल एकत्रीकरण से जंगलों में लगने वाली आग को बहुत हद तक रोका जा सकेगा। पिरूल एकत्रीकरण रोजगार एवं सुरक्षा की दृष्टिï से अहम प्रयास है। इसके लिए मार्च में एक बैठक होगी और अप्रैल से काम शुरू हो जाएगा।

डीएफओ ने बताया कि भविष्य में यदि कोई मिल, फैक्ट्री आदि चीड़ की आपूर्ति की मांग करती है तो उसके साथ ही करार किया जाएगा। वर्तमान में उरेडा के माध्यम से भी नैनीताल वन प्रभाग के अंतर्गत चीड़ पिरूल से बिजली उत्पादन के काम के लिए सात फर्मों के साथ करार हुआ है। एक फर्म द्वारा काम भी शुरू कर दिया गया है। पिरूल से बिजली उत्पादन के लिए स्थानीय लोगों से पिरूल एकत्रीकरण का काम स्थानीय लोगों से करवाया जा रहा है। उन्हें वन विभाग व फर्म द्वारा भुगतान किया जाएगा। डा. तेजस्विनी अरविंद पाटिल ने बताया कि पिरूल एकत्रीकरण के कार्य से करीब दो सो लोगों को रोजगार मिलेगा। साथ ही वनाग्नि भी होगी।

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