पत्नी व बच्चे की हत्या के आरोप में सजायाफ्ता दो अभियुक्त साक्ष्यों के अभाव में हाई कोर्ट से बरी
हाईकोर्ट ने निचली अदालत से सजायाफ्ता दो अभियुक्तों को बरी कर दिया है। अदालत के आदेश के अनुसार अभियोजन पक्ष आरोप साबित करने में नाकाम रहा है।
नैनीताल, जेएनएन : हाईकोर्ट ने निचली अदालत से पत्नी और बच्चों की हत्या के आरोप में सजायाफ्ता दो अभियुक्तों को बरी कर दिया है। अदालत के आदेश के अनुसार अभियोजन पक्ष आरोप साबित करने में नाकाम रहा है। न्यायमूर्ति आलोक सिंह व न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की खंडपीठ में मामले की सुनवाई हुई।
अभियोजन के अनुसार, रामनगर थाना क्षेत्र में 20 अप्रैल 2009 को एक महिला व उसके साथ करीब दो साल के बच्चे का शव बरामद हुआ था। शव के पास मिली डायरी के मोबाइल नंबर से महिला के शव की शिनाख्त हुई। शव मूल रूप से उत्तर प्रदेश के औरैया निवासी देवेंद्र सिंह की पत्नी 30 वर्षीय राजबेटी व उसके दो वर्षीय बेटे गोलू का था। 21 अप्रैल को मृतका के भाई द्वारा मुकदमा दर्ज कराया था, जिसमें बहनोई पर हत्या का आरोप लगाते हुए मामले की जांच की मांग की गई। पुलिस ने मामले में देवेंद्र के साथ उसके भाई विपिन व पिता धनीराम के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया। 27 नवंबर 2013 को निचली अदालत द्वारा देवेंद्र व विपिन को हत्या का दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। जबकि पिता को बरी कर दिया। दोषियों द्वारा निचली कोर्ट की सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील दायर की। याची के अधिवक्ता के अनुसार 12 सितंबर को पारित आदेश में परिस्थितिजन्य साक्ष्य के अनुसार सजा सुनाने का उल्लेख किया है। मगर दोनों के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य का अभाव है। अभियोजन पक्ष आरोप साबित करने में नाकाम रहा।