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आरसीसी की रिटेनिंग वॉल बनाकर होगा बलियानाला का ट्रीटमेंट

भूगर्भीय दृष्टि से संवेदनशील बलियानाला का ट्रीटमेंट जियो नेट तकनीक से किया जाएगा।

By JagranEdited By: Published: Mon, 29 Oct 2018 06:02 AM (IST)Updated: Mon, 29 Oct 2018 06:02 AM (IST)
आरसीसी की रिटेनिंग वॉल बनाकर होगा बलियानाला का ट्रीटमेंट
आरसीसी की रिटेनिंग वॉल बनाकर होगा बलियानाला का ट्रीटमेंट

जागरण संवाददाता, नैनीताल : भूगर्भीय दृष्टि से संवेदनशील बलियानाला का ट्रीटमेंट जियो नेट तकनीक से होगा। विशेषज्ञ दल की रिपोर्ट ने इसकी सिफारिश की है। रिपोर्ट में यह भी साफ किया गया है कि बलियानाला की पहाड़ी को बचाने के लिए आरसीसी की रिटेनिंग वॉल बनाने और इसके मध्य में फूटे पेयजल स्रोतों को चैनलाइज करना जरूरी है।

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दरअसल, सितंबर में बलियानाला में भारी भूस्खलन हुआ था। यह स्थिति पिछले दिनों तक बनी रही। भूस्खलन की वजह से रईस होटल व हरिनगर क्षेत्र के करीब तीन दर्जन परिवारों को विस्थापित करना पड़ा। शासन ने आपदा प्रबंधन न्यूनीकरण केंद्र के अधिशासी निदेशक डॉ. पीयूष रौतेला के नेतृत्व में आइआइटी, जीएसआइ व अन्य विशेषज्ञ संस्थाओं के वैज्ञानिकों से बलियानाला के भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र का सर्वेक्षण कराया था, जिसकी प्रारंभिक रिपोर्ट विशेषज्ञों ने जिला प्रशासन को सौंप दी है। इसमें कहा गया है कि बलियानाला में भूस्खलन रोकने के लिए भूजल को चैनलाइज करने, आरसीसी की रिटेनिंग वॉल बनाने, वॉल में पानी की निकासी के लिए स्थान छोड़ने, जियो नेट तकनीक का उपयोग करने, पहाड़ी पर घास लगाने की सिफारिश की गई है। जिला प्रशासन ने इस रिपोर्ट के साथ ही आपदा प्रबंधन सचिव अमित नेगी की ओर से देहरादून में बलियानाला ट्रीटमेंट को लेकर हुई बैठक में लिए गए फैसलों को हाई कोर्ट के मुख्य स्थायी अधिवक्ता कार्यालय को भेज दिया है। हाई कोर्ट इस मामले में बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष सैयद नदीम मून की जनहित याचिका पर 30 अक्टूबर को सुनवाई करेगा। कोट

बलियानाला ट्रीटमेंट के लिए विशेषज्ञों ने जो-जो तकनीक सुझाई है, उसका उपयोग उत्तरकाशी के वरुणावत पर्वत के ट्रीटमेंट में हो चुका है। फिलहाल यह प्रारंभिक रिपोर्ट है। इसके आधार पर डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार की जा सकती है।

-डॉ. पीयूष रौतेला, अधिशासी निदेशक, आपदा प्रबंधन न्यूनीकरण केंद्र देहरादून


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