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छूट के बाद भी ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन, परमिट, फिटनेस फीस जमा करने में देना पड़ रहा अतिरिक्त शुल्क

केंद्रीय परिवहन मंत्रालय ने एक फरवरी 2020 के बाद खत्म होने वाले वाले वाहनों के दस्तावेजों की वैधता 30 सितंबर 2020 तक बढ़ा दी गयी है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Thu, 11 Jun 2020 08:31 PM (IST)Updated: Thu, 11 Jun 2020 08:31 PM (IST)
छूट के बाद भी ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन, परमिट, फिटनेस फीस जमा करने में देना पड़ रहा अतिरिक्त शुल्क
छूट के बाद भी ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन, परमिट, फिटनेस फीस जमा करने में देना पड़ रहा अतिरिक्त शुल्क

हल्द्वानी, जेएनएन : केंद्रीय परिवहन मंत्रालय ने एक फरवरी 2020 के बाद खत्म होने वाले वाले वाहनों के दस्तावेजों की वैधता 30 सितंबर 2020 तक बढ़ा दी गयी है। इसके तहत निजी व सार्वजनिक वाहनों के एक फरवरी के बाद समाप्त होने वाले फिटनेस, परमिट, रजिस्ट्रेशन, लाइसेंस समेत हर दस्तावेज की वैधता अब 30 सितंबर तक बढ़ा दी गयी है।

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वहीं परिवहन विभाग अब भी वाहन स्वामियों से विलंब शुल्क वसूल रहा है। इसके पीछे कारण परिवहन विभाग के साफ्टवेयर का अपडेट न होना बताया जा रहा है। अफसरों के संज्ञान में आने पर अब इसके लिए मुख्यालय से पत्राचार की तैयारी शुरू कर दी गयी है।

लॉकडाउन की वजह से वाहनों के दस्तावेजों का नवीनीकरण नहीं हो पा रहा था। वाहन स्वामियों की दिक्कतों को देखते हुए केंद्र सरकार ने पहले दस्तावेजों की वैधता अवधि 30 जून तक बढ़ाई। दो दिन पहले नया आदेश जारी कर केंद्रीय परिवहन मंत्रालय ने वैधता अवधि 30 सितंबर तक कर दीहै। नए आदेश के मुलाबिक एक फरवरी से 30 सितंबर तक का वाहन के दस्तोवज का विलंब शुल्क नहीं लिया जाएगा।

इस अवधि के बाद का ही विलंब शुल्क लिया जाएगा। वहीं केंद्र सरकार ने आदेश तो जारी कर दिया, लेकिन परिवहन विभाग के साफ्टवेयर को अपडेट नहीं किया है। इसका खामियाजा वाहन स्वामी और आटो डीलरों को भुगतना पड़ रहा है। लॉकडाउन अवधि में जो दस्तावेज पूरे नहीं हो पाए, अब परविहन विभाग का साफ्टवेयर विलंब शुल्क मांग रहा है।

ऐसे में परेशान लोग परिवहन विभाग के दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं। वहीं परिवहन विभाग के अफसर इस तरह की शिकायतें आने की बात कहकर इसकी जानकारी मुख्यालय को देने की तैयारी कर रहे हैं। आरटीओ राजीव मेहरा ने बताया कि शुक्रवार को वह साफ्टवेयर की वास्तविकता की जांच करेंगे। अगर साफ्टवेयर केंद्र सरकार के आदेश के मुताबिक अपडेट नहीं किया गया होगा तो मुख्यालय से पत्राचार किया जाएगा।

केस -1

बाजपुर में रहने वाले राम अवतार ने 20 मार्च को एक कार खरीदी थी। लॉकडाउन की वजह से वह कार का रजिस्ट्रेशन नहीं करा पाए। अब उन्हें कार का रजिस्ट्रेशन कराने के लिए सात हजार रुपये से अधिक का विलंब शुल्क देना पड़ा है। केंद्रीय परिवहन मंत्रालय के आदेश के बावजूद परिवहन विभाग के विलंब शुल्क देने से राम अवतार आहत हैं।

केस-2

भीमताल में रहने वाली संजय भट्ट ने 19 को एक स्कूटी खरीदी थी। उन्होंने डीलर प्वाइंट पर ही रजिस्ट्रेशन की औपचारिकताएं पूरी कर लीं। वहीं लॉकडाउन की वजह से करीब तीन माह बाद भी उनकी स्कूटी का रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाया। अब डीलर के कर्मचारियों की ओर से रजिस्ट्रेशन के लिए विलंब शुल्क देने की फोन पर जानकारी दी जा रही है।

केस-3

कटघरिया में रहने वाले महेश सिंह के टिप्पर का परमिट अप्रैल में खत्म हो गया। परमिट की वजह से टिप्पर संचालन पर कार्रवाई के भय से उन्होंने लॉकडाउन में कार्यालय खुलने की छूट मिलने पर अपने एजेंट से संपर्क किया। एजेंट द्वारा ऑनलाइन परमिट टैक्स जमा करने पर साफ्वेयर के विलंब शुल्क लेने की जानकारी दी गयी है।


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