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ऊधमसिंह नगर में दर्दनाक हादसा, ट्रैक्टर ट्रॉली की टक्कर में बाइक सवार दो की मौत

काम करके घर लौट रहे बाइक सवार युवकों को ट्रैक्टर ट्रॉली ने टक्कर मार घायल कर दिया। एंबुलैंस से दोनों को अस्प्ताल पहुंचाया लेकिन रास्ते में ही दोनों युवकों ने दम तोड़ दिया। पुलिस ने शव मध्य रात्रि मोर्चरी भिजवा स्वजनों को सूचित कर दिया है।

By Prashant MishraEdited By: Published: Wed, 05 May 2021 01:37 PM (IST)Updated: Wed, 05 May 2021 08:40 PM (IST)
ऊधमसिंह नगर में दर्दनाक हादसा, ट्रैक्टर ट्रॉली की टक्कर में बाइक सवार दो की मौत
पुलिस ने देर रात ही दोनों के स्वजनों को सूचना दे दी थी।

जागरण संवाददाता, किच्छा : फैक्ट्री से घर लौट रहे बाइक सवार युवकों को ट्रैक्टर ट्रॉली ने टक्कर मार घायल कर दिया। एंबुलैंस से दोनों को अस्प्ताल पहुंचाया, लेकिन रास्ते में ही दोनों युवकों ने दम तोड़ दिया। पुलिस ने शव मध्य रात्रि मोर्चरी भिजवा स्वजनों को सूचित कर दिया है।

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सुनील आयु 23 पुत्र नत्थू बैरवा निवासी दौसा राजस्थान, अजीत आयु 30 वर्ष पुत्र नरेश पाल निवासी असगर पुर चंदौसी उत्तर प्रदेश शिमला पिस्तोर स्थित एक फैक्ट्री में काम करते है। अजीत लालपुर में कमरा किराए पर लेकर रहता था। कोरोना महामारी के चलते उसने अपने बच्चो को चंदौसी भेज दिया था। वह पिछले कुछ दिनों से अकेला ही लालपुर में रह रहा था। इस दौरान प्लांट बंद होने के कारण अन्य कर्मी फैक्ट्री में ही रह रहे थे। अजीत अकेले होने के कारण फैक्ट्री में रहने वाले अपने अन्य साथियों के साथ ही खाना खाने आ जाता था।

मंगलवार रात को खाना खाकर बाहर निकला तो अपने साथ सुनील को भी साथ चलने के लिए कहा। सुनील की मौत भी अजीत के साथ ही लिखी थी, जिस कारण सुनील ने अजीत के साथ जाने की हामी भर दी। दोनों फैक्ट्री से साथ ही लालपुर लेकर बाइक से चल दिया। एनएच-74 पार करते ही सामने से विपरीत दिशा से आ रही ट्रैक्टर ट्रॉली की चपेट में बाइक आने पर दोनों सड़क पर गिर कर घायल हो गए। गंभीर हालत में टोल की एम्बुलेन्स के साथ ही आपातकाल सेवा 108 से रुद्रपुर ले जाया गया। लेकिन दोनों ने रास्ते मे ही दम तोड़ दिया। पुलिस ने देर रात ही दोनों के स्वजनों को सूचना दे दी थी। बुधवार सुबह पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

मना कर देता तो बच जाती सुनील की जान

सुनील फैक्ट्री में रहता था, लेकिन अजीत के साथ उसके संबंध काफी गहरे थे। अजीत घर में अकेला न होता तो वह सुनील को अपने साथ जाने की जिद न करता। जिससे सुनील की जान बच जाती। लेकिन होनी को कोई नहीं टाल सका और अजीत के साथ सुनील भी इस संसार को अलविदा कह गया।

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