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भूस्खलन से बागेश्वर में सात सड़कों पर आवागमन बंद, द्यांगण में गिरा पुराना मकान

असों-बसकूना गडेरा ढालन-खुनौली रावतसेरा धरमघर बड़ीपन्याली भनार-लाथी आदि मोटर मार्ग मलबा आने से अभी भी बंद हैं। जिसके कारण दस हजार से अधिक ग्रामीण प्रभावित हो हैं। जिला आपदा अधिकारी शिखा सुयाल ने कहा कि सड़कों को खोलने का काम युद्धस्तर से चल रहा है।

By Prashant MishraEdited By: Published: Sat, 02 Jul 2022 06:58 PM (IST)Updated: Sat, 02 Jul 2022 06:58 PM (IST)
भूस्खलन से बागेश्वर में सात सड़कों पर आवागमन बंद, द्यांगण में गिरा पुराना मकान
सड़कें नहीं खुलने से ग्रामीण क्षेत्रों में जरूरी सामान की भी कमी पड़ने लगी है।

जागरण संवाददाता, बागेश्वर: जिले में अतिवृष्टि के पांचवें दिन भी सात सड़कें बंद हैं। जिसमें छह ग्रामीण और एक मुख्य जिला मार्ग शामिल है। भारी मात्रा में हुए भूस्खलन के बाद सड़कें मलबे से पटी हैं। हालांकि जिला प्रशासन ने मलबा हटाने को लोडर मशीनें लगाई हैं। वहीं, ग्रामीण क्षेत्र में बिजली आपूर्ति भी अभी बहाल नहीं हो सकी है।

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बागेश्वर में अभी भी सात मोटर मार्ग यातायात के लिए सुचारू नहीं हो सका है। छह ग्रामीण और एक मुख्य जिला मार्ग बंद है। असों-बसकूना, गडेरा, ढालन-खुनौली, रावतसेरा, धरमघर, बड़ीपन्याली, भनार-लाथी आदि मोटर मार्ग मलबा आने से अभी भी बंद हैं। जिसके कारण दस हजार से अधिक ग्रामीण प्रभावित हो गए हैं।

सड़कें नहीं खुलने से ग्रामीण क्षेत्रों में जरूरी सामान की भी कमी पड़ने लगी है। यदि बारिश का सिलसिला फिर से तेज हुआ तो दुश्वारियां बढ़ सकती हैं। इधर, जिला आपदा अधिकारी शिखा सुयाल ने कहा कि सड़कों को खोलने का काम युद्धस्तर से चल रहा है। अधिकतर सड़कों को खोल लिया गया है। बिजली, पानी आदि भी सुचारू किया जा रहा है।

इन गांवों की बिजली गुल

पिछले पांच दिनों से बसकूना, बैड़ामझेड़ा, पुड़कुनी आदि गांवों में विद्युत आपूर्ति ठप है। जिससे लोगों की दिक्कतें बढ़ गई हैं। उन्हें मोबाइल आदि चार्ज करने के लिए तहसील आना पड़ रहा है। जंगलों से सटे गांवों में जंगल जानवरों का भी भय बना हुआ है। ग्रामीणों ने शीघ्र बिजली सुचारू करने की मांग की है।

घर ढहने से मलबे में दबे मवेशी, पुलिस ने किया रेस्क्यू

द्यांगण गांव में मिट्टी, पत्थर, लकड़ी से बना मकान गिर गया। प्रभावित शेर सिंह पुत्र दीवान सिंह ने सूचना जिला आपदा कंट्रोल रूम को दी। जिलाधिकारी विनीत कुमार ने जिला मुख्यालय से लगभग दो किमी की दूरी पर स्थित द्यांगण गांव की घटना को हाथोंहाथ लिया। उनके निर्देश पर पुलिस और राजस्व विभाग की टीम गांव पहुंची।

तहसीलदार दीपिका आर्य ने बताया कि मकान के मलबे में भैस और थोरी दब गई थी। जिसे निकाल लिया गया है और उनका उपचार चल रहा है। पशुपालन विभाग की टीम के अनुसार दोनों पशुओं में सामान्य बाहरी खरोंचों के अलावा भैंस की थोरी में पैरों की मांसपेशियों में आंतरिक खिंचाव है।

दर्द निवारक औषधी तथा अन्य आवश्यक उपचार उपलब्ध कराया गया। जिसके बाद थोरी खड़ी हो गई है। दोनों पशु स्वस्थ हैं और चारा खाना भी प्रारंभ कर दिया है। अन्य आवश्यक दर्द निवारक एवं स्वास्थ्य वर्धक औषधीयां संबंधित पशुपालक को उपलब्ध कराई गई है। घटना में परिवार के किसी भी व्यक्ति को चोट नहीं है।


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