उत्तराखंड में पर्यटकों को होंगे और रोमांचक अनुभव, 2022 में पूरे होंगे वन विभाग के ये अहम प्रोजेक्ट
जसपुर के पास स्थित फाटो रेंज में बनी जंगल सफारी का शुभारंभ तीस दिसंबर को खुद पीएम मोदी करेंगे। देश-विदेश के लोगों को जंगल और वन्यजीवों के दीदार कराने के साथ-साथ स्थानीय लोगों को रोजगार मुहैया कराने के सिलसिले में यह सभी प्रोजेक्ट काफी अहम साबित होने वाले हैं।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : जंगल और जैव विविधता को लेकर देश भर में अलग पहचान रखने वाला उत्तराखंड अब इस दिशा में रोजगार की प्लानिंग के साथ भी आगे बढ़ रहा है। इसलिए कार्बेट से लेकर चोरगलिया और नंधौर में इको-टूरिज्म की दिशा में काम किया जा रहा है। खास बात यह है कि चार में से दो प्रोजेक्ट पर काम लगभग पूरा हो चुका है। जसपुर के पास स्थित फाटो रेंज में बनी जंगल सफारी का शुभारंभ तीस दिसंबर को खुद पीएम मोदी करेंगे। देश-विदेश के लोगों को जंगल और वन्यजीवों के दीदार कराने के साथ-साथ स्थानीय लोगों को रोजगार मुहैया कराने के सिलसिले में यह सभी प्रोजेक्ट भविष्य में काफी अहम साबित होने वाले हैं।
जसपुर के पास जंगल सफारी का आनंद
तराई पश्चिमी वन प्रभाग के तहत आने वाली फाटो रेंज का जंगल जसपुर के पास पड़ता है। पर्यटकों को आकर्षित करने और उन्हें वन्यजीवों का दीदार कराने के लिए वन विभाग ने इस जोन में जंगल सफारी कराने का फैसला लिया है। 30 दिसंबर को पीएम मोदी इसका शुभारंभ करेंगे। रामनगर सिटी से 23 किमी दूर मालधन के मोहन नगर गूजर झाला के पास एंट्री प्वाइंट बनाया गया है। फाटो रेंज में सैलानियों को 18 किलोमीटर दायरे में जंगल सफारी कराई जाएगी। वहीं, भविष्य में नाइट सफारी कराने के लिहाज से ट्री हाउस स्टे यानी पेड़ पर घर बनाने की योजना पर भी काम चल रहा है।
नंधौर में 70 किमी जंगल में देखने को मिलेंगे हाथी-बाघ
कार्बेट नेशनल पार्क की तर्ज पर नंधौर सेंचुरी में भी पर्यटकों को जिप्सी से जंगल का रोमांच दिखाया जाएगा। वन विभाग ने 70 किमी क्षेत्र को इसके लिए चुना है। नंधौर सेंचुरी का जंगल प्राकृतिक तौर पर काफी समृद्ध माना जाता है। निदेशक सेंचुरी बाबूलाल ने बताया कि जिप्सी चलाने के लिए लोगों से आवेदन भी लिए जा चुके हैं। पर्यटकों के आने के लिए एक गेट चोरगलिया और दूसरा टनकपुर के ककराली में बनाया जाएगा। नंधौर सेंचुरी में बाघ, हाथी, गुलदार के अलावा बड़ी संख्या में भालू भी मिलते हैं। इसके अलावा पक्षियों और दुर्लभ तितलियों कर संसार भी बसता है।
सुरई रेंज में पहली मगरमच्छ सफारी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की विधानसभा खटीमा से सटी सुरई वन रेंज में पहली मगरमच्छ सफारी बनाने की तैयारी है। रेंज के ककहरा नाले में बड़ी संख्या में तालाब पाए जाते हैं। सफारी जोन बनाने का उद्देश्य इनका संरक्षण भी है। इसके अलावा पीलीभीत टाइगर रिजर्व का बफर क्षेत्र होने के कारण यहां बाघों की भी अच्छी मौजूदगी है। मगरमच्छों के नाम पर एक नए तरीके का आकर्षण पैदा होने की वजह से सैलानियों को यह जोन काफी पसंद आएगा।
बंद गाड़ी से टाइगर के दीदार की तैयारी
काबेर्ट नेशनल पार्क के कालागढ़ क्षेत्र में पार्क प्रशासन एक खास योजना पर काम कर रहा है। इसके मुताबिक पाखरो जोन में 100 हेक्टेयर से अधिक जंगल को टाइगर सफारी बनाने की प्लानिंग है। इस क्षेत्र को चारों तरफ से कवर किया जाएगा। पहले से यहां मिलने वाले बाघों के साथ रेस्क्यू में पकड़े गए बाघ भी यहां छोडऩे की तैयारी है। ताकि बाघ एक सीमित दायरे में रहे। इसके बाद चारों तरफ से बंद गाड़ी को तय टाइगर जोन में घुमाया जाएगा। ताकि पर्यटकों को बाघ दिखने की गारंटी भी मिले। सेंट्रल जू आथोरिटी और राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण से इस प्रोजेक्ट को अनुमति मिल चुकी है। उम्मीद है कि 2022 में प्रोजेक्ट धरातल पर आ जाए।