टिंकू की मौत हत्या नहीं बल्कि हादसा थी, डंपर से हुआ था एक्सीडेंट, जानिए क्या था पूरा मामला
काशीपुर में ढकिया गुलाबो निवासी टिंकू की मौत हत्या नहीं बल्कि हादसा थी। घटना वाली रात टिंकू एक डंपर की चपेट में आकर गंभीर रूप से घायल हुआ था और डंपर स्वामी ने उसे सड़क से उठाकर खाली प्लाट में फेंक दिया था।
काशीपुर, जेएनएन : काशीपुर में ढकिया गुलाबो निवासी टिंकू की मौत हत्या नहीं बल्कि हादसा थी। कोतवाली पुलिस ने केस का खुलासा करते हुए दावा किया है कि घटना वाली रात टिंकू एक डंपर की चपेट में आकर गंभीर रूप से घायल हुआ था और डंपर स्वामी ने उसे सड़क से उठाकर खाली प्लाट में फेंक दिया था। सोमवार को एएसपी राजेश भट्ट ने अपने कार्यालय में घटना का खुलासा किया।
एएसपी ने बताया कि 16 अक्टूबर को ढकिया गुलाबो निवासी राजू ने कोतवाली काशीपुर में रिपोर्ट दर्ज करवाई कि उसके भाई टिंकू पर हमला कर एकांत में फेंक दिया गया। बाद में उसकी मौत हो गई। राजू की तहरीर पर पुलिस ने ढकिया गुलाबो के ही निवासी अरविंद और वेद प्रकाश के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया गया था। आरोपितों ने खुद को बेकसूर बताया था। हत्या जैसी जघन्य धाराओं में केस दर्ज होने के बाद पुलिस ने खुलासे के प्रयास शुरू किए। घटनास्थल के आसपास के 15-20 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली। बाहरी व स्थानीय लोगों से गहन पूछताछ की गई। मुखबिरों को भी सक्रिय किया गया।
इसी दौरान सीसीटीवी में एक डंपर दिखाई दिया, जो लेखराज निवासी ढकिया गुलाबो के घर की ओर आया और खड़ा हो गया। इसके बाद पुलिस ने डंपर चालक सलीम निवासी पीपलीनायक थाना टांडा बादली जिला रामपुर और डंपर मालिक लेखराज से गहन पूछताछ की। इस दौरान चालक ने स्वीकार कर लिया कि इसी डंपर से हादसा हुआ था। उसने बताया कि डंपर मालिक लेखराज ने ही टिंकू को उठाकर खाली प्लाट में रखा था। काफी देर के बाद लेखराज ने ही पुलिस को सूचना दी।
खुलासे के बाद पुलिस ने डंपर को कब्जे में ले लिया है। चालक सलीम के खिलाफ धारा 279 व 304ए के तहत कार्रवाई की गई है। जबकि मालिक लेखराज के खिलाफ साक्ष्य छिपाने की धाराओं में कार्रवाई की गई है। एएसपी ने बताया कि केस के खुलासे में सीओ अक्षय प्रहलाद कोंडे का महत्वपूर्ण योगदान रहा। खुलासा करने वाली टीम में इंस्पेक्टर चंद्रमोहन सिंह, एसएसआइ कोतवाली सतीश चंद्र कापड़ी, एसआइ जावेद मलिक, एसआइ रविंद्र सिंह बिष्ट, कांस्टेबल विरेंद्र यादव, राजू पुरी, सुभाष सिंह, कृपाल सिंह, महेंद्र डंगवाल, सुरेंद्र सिंह, सुरेश टम्टा, अनुज त्योगी रहे।
हादसे का कोई चश्मदीद नहीं, लेकिन सीसीटीवी सबूत
एएसपी ने बताया कि मामले में दो लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज करवाई गई थी, लेकिन आरोपितों की दिनचर्या में कुछ शक करने लायक नहीं मिला। उन पर लगाए गए हत्या के आरोप झूठे निकले। उन्होंने बताया कि वेदप्रकाश के साथ मृतक के छोटे भाई का झगड़ा जरूर हुआ था, लेकिन हत्या करने जैसी कोई बात नहीं थी। जांच के दौरान पता चला कि टिंकू का अपने घर में झगड़ा हुआ था उसी झगड़े के दौरान उसके सिर में चोट आई थी। उन्होंने बताया कि जहां टिंकू मिला था वहां भी कैमरे लगे हुए थे, लेकिन बंद थे। जिस कारण घटना के खुलासे में समय लग गया। बताया कि हादसा होते हुए किसी ने अपनी आंखों से देखा तो नहीं है, लेकिन सीसीटीवी इसका पुख्ता सबूत है कि टिंकू की मौत हादसे में हुई थी।