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संकट में वन्यजीव : सीटीआर के जंगल में बाघिन की मौत तो खेत में लगाए करंट से मरा टस्कर हाथी

कॉर्बेट के जंगल में एक बाघिन की मौत हो गई। पानी स्रोत के समीप बाघ का शव पड़ा मिला। रामनगर क्षेत्र में खेत में लगाए गए करंट की चपेट में आने से टस्कर हाथी की मौत हो गई।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sat, 15 Jun 2019 07:48 PM (IST)Updated: Sat, 15 Jun 2019 07:48 PM (IST)
संकट में वन्यजीव : सीटीआर के जंगल में बाघिन की मौत तो खेत में लगाए करंट से मरा टस्कर हाथी
संकट में वन्यजीव : सीटीआर के जंगल में बाघिन की मौत तो खेत में लगाए करंट से मरा टस्कर हाथी

रामनगर, जेएनएन : कॉर्बेट के जंगल में एक बाघिन की मौत हो गई। पानी  स्रोत के समीप बाघ का शव पड़ा मिला। प्रथम दृष्टïया बाघिन का बूढ़ी होना व दांत घिसना उसकी मौत की वजह बताई जा रही है। हालांकि जहर की आशंका भी जताई जा रही है। पोस्टमार्टम की कार्रवाई के बाद शव को मौके पर ही जला दिया गया। तो वहीं, तराई पश्चिमी वन प्रभाग रामनगर क्षेत्र में खेत में लगाए गए करंट की चपेट में आने से टस्कर हाथी की मौत हो गई। सुबह लोगों ने उसका शव पड़ा देखा। सूचना पर पहुंचे वनाधिकारियों ने पोस्टमार्टम की कार्रवाई के बाद हाथी का शव दबा दिया गया।

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कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के ढेला स्रोत में पूर्वी व पश्चिमी बीट के बीच में वन कर्मियों ने गश्त के दौरान शनिवार को बाघ का शव देखा। वन कर्मियों ने सूचना रेंज कार्यालय के बाद मुख्यालय में अधिकारियों को दी। इसके बाद कॉर्बेट के उपनिदेशक चंद्रशेखर जोशी, एसडीओ आरके तिवारी, रेंजर संदीप गिरी मौके पर पहुंचे। वनाधिकारियों की मौजूदगी में कॉर्बेट के पशु चिकित्सक दुष्यंत कुमार व नैनीताल के हिमांशु पांगती ने बाघिन के शव का पोस्टमार्टम किया। उसके सभी अंग सुरक्षित थे। पशु चिकित्सक दुष्यंत कुमार ने बताया कि बाघिन के पेट व आंत में कुछ भी नहीं था। उसने कई दिन से कुछ भी नहीं खाया था। बुढ़ी होने की वजह से उसके दांत भी घिसने लगे थे। बाघिन की मौत जहर से होने की भी आशंका को लेकर बाघिन के लीवर व स्पलीन के सैंपल जांच के लिए आइवीआरआइ बरेली भेजे गए है। पशु चिकित्सकों ने बताया कि जहर या किसी बीमारी के लक्षण इन अंगों की फॉरेसिंक जांच में पता चला जाएगा।

साढ़े तीन साल में 22 बाघों की मौत

कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में साढ़े तीन साल में अलग-अलग वजह से 22 बाघों की मौत हो गई। इनमें सबसे अधिक बाघों की मौत आपसी संघर्ष के चलते हुई है। वर्ष 2016 में चार, वर्ष 2017 में नौ, वर्ष 2018 में चार तथा वर्ष 2019 में 15 जून तक पांच बाघ मारे जा चुके हैं।

हाथी की मौत पर खेत स्वामी व बटाईदार के खिलाफ वन विभाग ने किया केस

रामनगर : तराई पश्चिमी वन प्रभाग रामनगर क्षेत्र में खेत में लगाए गए करंट की चपेट में आने से टस्कर हाथी की मौत हो गई। सुबह लोगों ने उसका शव पड़ा देखा। सूचना पर पहुंचे वनाधिकारियों ने पोस्टमार्टम की कार्रवाई के बाद हाथी का शव दबा दिया गया। दक्षिणी जसपुर के पतरामपुर रेंज में शनिवार को एक हाथी गन्ने के खेत के समीप मृत अवस्था में मिला। ग्रामीणों की ओर से इस मामले की सूचना विभागीय अधिकारियों को दी गई। मौके पर पहुंचे प्रभारी एसडीओ कुंदन खाती, रेंजर महेश शर्मा ने हाथी के शव का परीक्षण किया। हाथी की मौत खेत में लगाए गए बिजली के तार में छोड़े गए करंट होने की पुष्टिï हुई। घटना के बाबत वनाधिकारियों ने आसपास के ग्रामीणों से पूछताछ की।

वनाधिकारियों ने शव का मौके पर ही पोस्टमार्टम कराया। टस्कर हाथी की उम्र 15 से 20 साल आंकी जा रही है। एसडीओ खाती ने बताया कि करंट लगने से हाथी की मौत हुई है। खेत मालिक जसपुर नई बस्ती का रहने वाला है। उसका नाम नौशेखां पुत्र शाकिर अली है।  जबकि खेत का बटाईदार महावीर है। उन्होंने ही खेत में करंट लगाया था। खेत स्वामी व उसके बटाईदार के खिलाफ वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया है।

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