सीटीआर में हाथी के शवों को खा रहे बाघ, अधिकारियों ने इसे माना फूड चेन nainital news
कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के जंगल में हाथी की मौत हो जाने पर उसे दफनाने के बजाय मौके पर छोडऩे की जरूरत महसूस होने लगी है ताकि सीटीआर में बाघ व उसके शावक भूख मिटाने के लिए शव खा सकें।
रामनगर, जेएनएन : कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के जंगल में हाथी की मौत हो जाने पर उसे दफनाने के बजाय मौके पर छोडऩे की जरूरत महसूस होने लगी है, ताकि सीटीआर में बाघ व उसके शावक भूख मिटाने के लिए शव खा सकें। ऐसे में कॉर्बेट प्रशासन एनटीसीए (राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण) से गाइडलाइन को रिवाइज करने या इस बारे में दिशा निर्देश देने के लिए कहेगा।
जंगलों में बाघ वयस्क हाथी या झुंड से बिछुड़े उसके बच्चे को हमला कर मार देते हैं। ऐसे में कॉर्बेट प्रशासन एनटीसीए की गाइड लाइन के अनुपालन में हाथी के शव को पोस्टमार्टम कराकर उसे दफना देता है। लेकिन सीटीआर में कैमरा ट्रेप में दो मामले ऐसे सामने आए हैं, जिनमें बाघ हाथी के शव को खाते दिख रहे हैं। कालागढ़ में पिछले दिनों एक हाथी की मौत हो गई थी। कॉर्बेट प्रशासन की टीम जब पोस्टमार्टम के लिए पहुंची तो हाथी का आधा हिस्सा बाघ खा चुके थे। इसके अलावा लालढांग में भी हाथी के शव को बाघिन व उसके शावकों द्वारा खाया जा रहा था। ऐसी स्थिति में कॉर्बेट प्रशासन भी गाइड लाइन में बदलाव की जरूरत महसूस करने लगा है।
सीटीआर के निदेशक राहुल ने बताया कि टाइगर रिजर्व के भीतर एक फू ड चेन चलता है। बाघ कमजोर हाथी पर हमला करता है जो एक सामान्य फू ड चेन प्रक्रिया है। ऐसे मामलों में क्या कार्रवाई की जानी है, इस बारे में आला वनाधिकारियों से दिशानिर्देश प्राप्त करेंगे।
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