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कार्बेट और राजाजी नेशनल पार्क के बाद अब उत्‍तराखंड में अब यहां भी पर्यटक कर सकेंगे टाइगर सफारी

कार्बेट नेशनल पार्क और राजाजी नेशनल पार्क के बाद अब उत्‍तराखंड को एक और जंगल सफारी का तोहफा मिलने जा रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के विधानसभा क्षेत्र खटीमा में भी अब सैलानी बाघ तेंदुए समेत अन्‍य वन्यजीवों का करीब से दीदार कर सकेंगे।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Wed, 29 Dec 2021 11:17 AM (IST)Updated: Wed, 29 Dec 2021 11:17 AM (IST)
कार्बेट और राजाजी नेशनल पार्क के बाद अब उत्‍तराखंड में अब यहां भी पर्यटक कर सकेंगे टाइगर सफारी
कार्बेट और राजाजी नेशनल पार्क के बाद अब उत्‍तराखंड में अब यहां भी पर्यटक कर सकेंगे टाइगर सफारी

ऊधमसिंहनगर, जागरण संवाददाता : कार्बेट नेशनल पार्क और राजाजी नेशनल पार्क के बाद अब उत्‍तराखंड को एक और जंगल सफारी का तोहफा मिलने जा रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के विधानसभा क्षेत्र खटीमा में भी अब सैलानी बाघ, तेंदुए समेत अन्‍य वन्यजीवों का करीब से दीदार कर सकेंगे। उत्तर प्रदेश के पीलीभीत टाइगर रिजर्व से सटे तराई पूर्वी वन प्रभाग के खटीमा रेंज का सुरई रिजर्व फारेस्ट भी जंगल सफारी के लिए तैयार हो गाया है। इस जोन में सफारी के लिए 27 किलोमीटर लंबा ट्रैक बनाया गया है। बता दें कि सीमांत में तीन रेंज हैं, खटीमा, सुरई व किलपुरा। बाघ, तेंदुए समेत अन्‍य वन्यजीवों बड़ी तादाद में विचरण करते हैं।

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उत्‍तराखंड में कार्बेट और राजाजी टाइगर रिजर्व के पर्यटक जोन सैलानियों के आकर्षण का केंद्र हैं। परिस्थितियां सामान्य होने पर अकेले कार्बेट में ही हर साल दो से तीन लाख पर्यटक पहुंचते हैं। ऐसे में सुरई रेंज में जंगल सफारी शुरू होने के बाद कार्बेट और राजाजी पर जहां दबाव कम होगा वहीं पर्यटकों के सामने जंगल सफारी का अब एक और विकल्‍प होगा। इसे देखते हुए सुरई टूरिज्म जोन में टाइगर सफारी शुरू करने जा रही है। बता दें कि वन्यजीव विविधता के लिए प्रसिद्ध सुरई रिजर्व फारेस्ट को पूर्ववर्ती कांग्रेस शासनकाल में पीलीभीत टाइगर रिजर्व का बफर जोन घोषित किया गया था। टाइगर रिजर्व का बफर होने के कारण यहां बाघों की भी मौजूदगी है तो बरसात में यह हाथियों का पसंदीदा स्थल है।

टाइगर के साथ क्रोकोडाइल सफारी भी

सुरई रेंज में टाइगर साफरी के साथ पर्यटक अब क्रोकोडाइल ट्रेल यानी मगरच्‍छ सफारी का भी आनंद उठा सकेंगे खटीमा में क्रोकोडाइल ट्रेल बनकर तैयार हो गया है। जहां पर्यटक करीब से मगरच्‍छों को देख सकेंगे। बता दें कि सीमांत क्षेत्र घने जंगल से आच्छादित है। यहां तीन रेंज हैं, खटीमा, सुरई व किलपुरा। सभी रेंजों की अपनी विशेषता है। यहीं से ककरा नाला भी गुजरा है। इसे मगरमच्छों का प्राकृतिक वास माना जाता है। हाल ही में ड्रोन से गिनती में नाले के बाहर ही मगरमच्छों की संख्या 185 मिली।


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