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हद है..पकड़ना है बाघ, पिंजरा लगाए हैं गुलदार

मालधन में बाघ पकड़ने के लिए लगाया गया पिंजरा गुलदार को पकड़ने वाला है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 Sep 2018 10:16 PM (IST)Updated: Wed, 19 Sep 2018 10:16 PM (IST)
हद है..पकड़ना है बाघ, पिंजरा लगाए हैं गुलदार
हद है..पकड़ना है बाघ, पिंजरा लगाए हैं गुलदार

संस, रामनगर : मालधन में बाघ पकड़ने के लिए लगाया गया पिंजरा गुलदार को पकड़ने वाला है। ऐसे में यदि रात में बाघ पिंजरे के समीप आ भी गया तो वह घुसेगा कैसे, यह सवाल हर कोई कर रहा है। क्योंकि गुलदार व बाघ के पिंजरे अलग-अलग साइज के होते हैं। वन कर्मियों ने बाघ के पिंजरे की जगह गुलदार का पिंजरा लगाया है। एसडीओ कलम सिंह बिष्ट का कहना है कि पिंजरा बड़ा है। वहीं डीएफओ डीके सिंह ने बताया कि हमला गुलदार ने किया या बाघ ने इसका पता नहीं चला है। यहां लगाए गए कैमरे में बाघ की तस्वीर कैप्चर होगी तो बड़ा पिंजरा लगा दिया जाएगा।

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मंगलवार को मालधन मोहननगर निवासी वीरेंद्र सिंह उर्फ चीता (40) को बाघ ने मार डाला था। हुआ कुछ ऐसा था कि पुत्र करतार सिंह वीरेंद्र मंगलवार सुबह करीब 10 बजे बेटे सुनील के साथ लकड़ी लेने जंगल गया था। उसने बेटे को बीच रास्ते में यह कहकर रुकने के लिए कहा कि वह जंगल से लकड़ी लेकर आ रहा है। वीरेंद्र लकड़ी काटने जंगल में चला गया। एक घंटे तक जब वह नही लौटा तो बेटा घर आ गया। दोपहर बाद तक भी वीरेंद्र घर नहीं आया तो परिजनों को चिंता सताने लगी। परिजनों ने सुनील से दोबारा पिता के बारे में पूछा तो उसने बताया कि जहा वह खड़ा था, उधर किसी जानवर की आवाज आ रही थी। इस पर परिजनों ने गाव वालों व वन विभाग की चौकी को भी जानकारी दी गई। सबने जंगल में तलाश शुरू कर दी। शाम करीब पांच बजे घर से करीब एक किलोमीटर दूर जंगल में झाड़ी के पीछे उसका शव पड़ा मिला। उसके गले पर बाघ के दातों के गहरे निशान थे। अब बाघ को पकड़ने के लिए वन महकमे ने गुलदार का पिंजरा लगाया है।


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