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एसटीएच में डाक्टरों की लापरवाही से मासूम की मौत, 26 सितंबर को कराया गया था भर्ती

डा. सुशीला तिवारी अस्पताल (एसटीएच) में इलाज के दौरान किच्छा निवासी तीन साल के बच्चे की गुरुवार तड़के मौत हो गई। स्वजनों ने 26 सितंबर को उसे भर्ती कराया गया था। परिवारजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर बच्चे के इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Thu, 30 Sep 2021 10:35 AM (IST)Updated: Fri, 01 Oct 2021 08:43 AM (IST)
एसटीएच में डाक्टरों की लापरवाही से मासूम की मौत, 26 सितंबर को कराया गया था भर्ती
सुशीला तिवारी अस्पताल में तीन साल के बच्चे की मौत, स्वजनों ने लगाया इलाज में लापरवाही का आरोप

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : किच्छा निवासी तीन वर्षीय बच्चे की डा. सुशीला तिवारी राजकीय अस्पताल (एसटीएच) हल्‍द्वानी में में इलाज के दौरान गुरुवार तड़के मौत हो गई। स्वजनों ने 26 सितंबर को उसे भर्ती कराया था। परिवार ने अस्पताल प्रबंधन पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगा प्राचार्य को शिकायती पत्र देकर जांच की मांग की है।

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ऊधमसिंह नगर जिले के किच्छा नई बस्ती विकास कॉलोनी निवासी मुकेश ने बताया कि उसके बेटे कपिल को पेशाब नहीं आ रहा थी। बच्चा जांघ के पास दर्द की शिकायत भी कर रहा था। 24 सितंबर को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र किच्छा में दिखाने के बाद उसे एसटीएच रेफर कर दिया गया। मुकेश ने बताया कि 24 की रात उसने कपिल को एसटीएच की इमरजेंसी में दिखाया। नली लगाने के बाद बच्चे ने पेशाब की। 25 सितंबर को जनरल सर्जरी विभाग की ओपीडी में दिखाया गया।

मुकेश ने बताया कि डाक्टरों ने भर्ती करने की सलाह दी, लेकिन अपने पिता सेवा राम के निधन के कारण उसे घर जाना पड़ा। अगले दिन 26 सितंबर को बच्चे को अस्पताल में भर्ती कराया। उसने आरोप लगाया कि डाक्टरों ने दवाइयां मंगाने के बाद बच्चे को नहीं दिया। बुधवार रात परेशानी बढऩे के बाद कोई डाक्टर देखने नहीं आया। गुरुवार तड़के पांच बजे बच्चे की मौत हो गई।

चलकर आया था मेरा बच्चा, ये हाल कर दिया

मासूम की मौत के बाद उसकी बुआ नीलम का रो-रोकर बुरा हाल रहा। नीलम ने बताया कि कपिल अच्छा-खासा चलते हुए अस्पताल आया था। चार भाई-बहनों में वह सबका लाडला था। स्टाफ की लापरवाही से उसकी मौत हो गई।

पहले पिता का साया उठा, अब बेटा नहीं रहा

मुकेश ने बताया कि पिछले दिनों उसके पिता सेवा राम की तबीयत बिगडऩे पर एसटीएच में भर्ती कराया गया। यहां से उन्हें बरेली रेफर कर दिया गया। कपिल के ताऊ चंद्रपाल ने बताया कि पिता के इलाज में पांच लाख रुपये खर्च आ रहे थे। वह उन्हें घर ले आए। 24 सितंबर को उनकी मौत हो गई। इस कारण उन्हें बच्चे को लेकर गांव जाना पड़ा। छह दिनों के अंतराल में दादा-पोता खत्म हो गए।

दो सप्ताह में लापरवाही की दो घटनाएं

एसटीएच में मरीजों की मौत पर लापरवाही की शिकायत लगातार बढ़ रही है। दो सप्ताह के भीतर ही बच्चों की मौत के दो मामले सामने आए हैं। इससे पहले रानीखेत निवासी विक्की ने उपचार में लापरवाही के चलते नवजात की मौत होने की शिकायत की थी। मामले में चिकित्सा अधीक्षक की अध्यक्षता में जांच कमेटी गठित है। टीम ने बयान दर्ज किए हैं। रिपोर्ट आनी बाकी है।

जिम्‍मेदार के खिलाफ होगी कार्रवाई

प्राचार्य एसटीएच हल्द्वानी डा. अरुण जोशी ने बताया कि बच्चे के स्वजन शनिवार को उसे अपनी मर्जी से घर ले गए। दूसरे दिन जब बच्चा लाया गया तो वह गंभीर था। निमोनिया के साथ किडनी में इंफेक्शन भी बढ़ा था। शिकायती पत्र मिला है। उसे देखा जाएगा। विधायक राजेश शुक्ला का कहना है कि बच्चे के इलाज में लापरवाही की गई है। मामले की शिकायत शासन से की जाएगी। इसमें जो भी जिम्मेदार होगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।


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