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उच्च हिमालय में चीन और नेपाल सीमा से सटे तीन बीआरओ कैंप वाई फाई से जुड़े

सीमा सड़क संगठन ने अपने चार कैंप वाई फाई से जोड़ दिए हैं। इनमें तीन कैंप चीन और नेपाल सीमा से लगी व्यास घाटी में हैं। बिंदु लिपुलेख मार्ग का अंतिम गांव गुंजी तक वाई फाई से जुड़ चुका है।

By Prashant MishraEdited By: Published: Wed, 20 Jan 2021 04:33 PM (IST)Updated: Wed, 20 Jan 2021 09:05 PM (IST)
उच्च हिमालय में चीन और नेपाल सीमा से सटे तीन बीआरओ कैंप वाई फाई से जुड़े
वाई फाई का लाभ बीआरओ के अलावा ग्रामीण व अन्य लोगों को भी मिल रहा है।

जागरण संवादादाता, धारचूला (पिथौरागढ़): चीन और नेपाल सीमा से लगे क्षेत्रों में दूरसंचार कंपनियोंं की संचार सेवा कब शुरू होगी, यह तय नहीं है। अलबत्ता सीमा सड़क संगठन ने अपने चार कैंप वाई फाई से जोड़ दिए हैं। इनमें तीन कैंप चीन और नेपाल सीमा से लगी व्यास घाटी में हैं। कैलास मानसरोवर यात्रा मार्ग का प्रमुख पड़ाव और व्यास घाटी का केंद्र बिंदु लिपुलेख मार्ग का अंतिम गांव गुंजी तक वाई फाई से जुड़ चुका है।

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धारचूला से 85 किमी दूर गुंजी तवाघाट-लिपुलेख मार्ग पर स्थित प्रमुख गांव हैं। इस गांव में बीआरओ का कैंप है। बीआरओ इसी कैंप लिपूलेख और आदि कैलास मार्ग का कार्य करती है। नेपाल और चीन सीमा से लगा यह क्षेत्र संचार सेवा से वंचित है। साढ़े दस हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित गुंजी गांव में बीआरओ ने अब अपने कैंप को वाई फाई से जोड़ दिया गया है। शीतकाल में भी इस कैंप में साठ के आसपास मजदूर और बीआरओ कर्मी तैनात हैं।

गांव दो से तीन फीट तक बर्फ से ढका है। वाई फाई का लाभ बीआरओ के अलावा ग्रामीण व अन्य लोगों को भी मिल रहा है। इसी के साथ गर्बाधार के निकट मांगती और गर्बाधार -गुंजी के बीच स्थित बूंदी स्थित बीआरओ कैं प भी वाई फाई से जुड़े हैं। यह पहला अवसर है जब नेपाल और चीन सीमा से लगा विषम भौगोलिक क्षेत्र वाई फाई से जुड़ा है। इस क्षेत्र में सेना, आइटीबीपी और एसएसबी भी तैनात है।

... ताकि शीतकाल में भी सड़क बंद न हो

चीन सीमा पर सर्वाधिक सामरिक महत्व का तवाघाट -गर्बाधार - लिपुलेख मार्ग बंद न हो, इसके लिए बीआरओ कई फीट बर्फीले क्षेत्रों में रह कर सड़क खोलने का कार्य कर रही है। बूंदी से लेकर छियालेख टाप तक मोड़ ठीक करने का कार्य चल रहा है। कई फीट बर्फ से ढके गुंजी- कुटी - आदी कैलास मार्ग से बर्फ हटाने का काम जारी है। वही कालापानी से आगे भी मार्ग से बर्फ हटाने तथा सड़क को चौड़ा करने का कार्य चलता रहता है। ओसी आनंद प्रियदर्शी का कहना है कि इस स्थिति में कार्य कर रहे मजदूरों, बीआरओ कर्मियों की सुविधा के लिए वाई फाई सेवा प्रारंभ की गई है।

मिलम मार्ग में लास्पा गांव में भी वाई फाई सेवा

धापा - मुनस्यारी निर्माणाधीन मार्ग मेंं भी बीआरओ ने लास्पा को वाई फाई से जोड़ा है। लास्पा मुनस्यारी से 56 किमी की दूरी पर स्थित है। वर्तमान में यहां पर सड़क का कार्य चल रहा है।


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