विशिष्ट बीटीसी को एनसीटीई से मान्यता न मिलने के कारण प्रदेश में 16 हजार शिक्षक नहीं होंगे प्रोन्नत
शिक्षा सचिव ने भले ही प्रोन्नति के आदेश जारी कर दिए हैं लेकिन प्रदेश के 16 हजार 379 शिक्षक इससे वंचित रहेंगे!
रुद्रपुर, बृजेश पांडेय : शिक्षा सचिव ने भले ही प्रोन्नति के आदेश जारी कर दिए हैं, लेकिन प्रदेश के 16 हजार 379 शिक्षक इससे वंचित रहेंगे! असल में राज्य गठन के बाद सहायक अध्यापक भर्ती के लिए इन्हें छह माह का विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण तो दिला दिया गया पर अभी तक राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) से मान्यता ही नहीं मिल सकी है। ऐसे में सभी प्रोन्नति की प्रक्रिया से बाहर हो जाएंगे।
वर्ष 2000 में ग्रामीण क्षेत्रों के प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापकों की कमी को देखते हुए बीएड, एलटी, सीपीएड, डीपीएड और बीपीएड प्रशिक्षित अभ्यर्थियों को तैनात कर दिया गया। इसके पूर्व उन्हें विशिष्ट बीटीसी का विशेष प्रशिक्षण दिया गया। इनका सेवारत प्रशिक्षण भी राजकीय प्रशिक्षण संस्थानों, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान डाइट में एनसीटीई की ओर से निर्धारित छह माह का विशिष्ट बीटीसी पाठ्यक्रम के आधार पर किया गया। उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद रामनगर ने परीक्षा ली और परिणाम भी घोषित किया। इसके बाद इनकी नियुक्ति प्रशिक्षित शिक्षकों के वेतनमान के आधार पर कर दी गई, लेकिन एनसीटीई ने प्रशिक्षण को मान्यता नहीं दी।
यहां के शिक्षकों को लाभ नहीं
अल्मोड़ा-2364, बागेश्वर-440, चंपावत-411, यूएस नगर-1141, देहरादून-1043, हरिद्वार-2196, नैनीताल-1479, पौड़ी-2106, पिथौरागढ़-2047, टिहरी-1024, उत्तरकाशी-554, चमोली-1331, रुद्रप्रयाग-243। वहीं आर मीनाक्षी सुंदरम, शिक्षा सचिव, उत्तराखंड ने बताया कि मान्यता के लिए कई बार एनसीटीई से पत्रचार किया गया। अब तक सफलता नहीं मिली है। इसलिए प्रोन्नति का लाभ संबंधित शिक्षकों को नहीं मिलेगा।
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