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Almora: रस्सी पर बच्चों से कराए जा रहे थे खतरनाक करतब, महिला आयोग हुआ सख्त, रुकवाया तमाशा, पुलिस से मांगा जवाब

almora news आयोग की उपाध्यक्ष ज्योति ने तत्काल एसएसपी को फोन किया और पूरी घटना की जानकारी दी। एसएसपी ने कहा कि वह तुरंत पुलिस टीम को भेज रहे हैं। लेकिन 45 मिनट तक कोई भी पुलिस टीम नहीं पहुंची।

By chandrashekhar diwediEdited By: Rajesh VermaPublished: Sat, 24 Sep 2022 02:42 PM (IST)Updated: Sat, 24 Sep 2022 02:42 PM (IST)
Almora: रस्सी पर बच्चों से कराए जा रहे थे खतरनाक करतब, महिला आयोग हुआ सख्त, रुकवाया तमाशा, पुलिस से मांगा जवाब
almora news : आयोग ने SSP से पूरे मामले में लापरवाही बरतने पर 24 घंटे में जवाब भी मांगा है।

जागरण संवाददाता, अल्मोड़ा : Almora News: मुख्यालय के बींचो बीच बाल अधिकारों का खुलेआम हो रहे उल्लंघन पर महिला आयोग सख्त दिखा। उन्होंने पुलिस व प्रशासन पर भी गंभीर आरोप लगाए। आयोग ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से पूरे मामले में लापरवाही बरतने पर 24 घंटे में जवाब भी मांगा है।

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आदिवासी समुदाय की थी बच्चियां

मुख्यालय से लगे एनटीडी तिराहे पर बाहर से आए कुछ आदिवासी बच्चियों को रस्सी पर चलाने वाला जानलेवा करतब करवा रहे थे, तभी वन वन स्टाप सेंटर का निरीक्षण कर महिला आयोग की उपाध्यक्ष ज्योति साह मिश्रा वहां से निकलीं। उन्होंने जब बच्ची को जानलेवा करतब करते देखा तो गाड़ी रोक यह पूरा तमाशा बंद करवाया। इसके बाद बच्ची को सकुशल रस्सी से उतारा गया।

किसी के पास आधारकार्ड भी नहीं

जब उन आदिवासियों से जानकारी ली तो उन्होंने बताया कि तीन दिन से वह शहर में यह तमाशा कर रहे थे। जब उनके आधार कार्ड और पुलिस सत्यापन की जानकारी ली तो उनके पास वह भी नहीं था। आदिवासी महिलाओं को समझाते हुए कहा कि अपने बच्चों को पढ़ाओ। सरकार ने सब व्यवस्था निश्शुल्क की हुई है। यह जो तुम काम कर रहे हो यह अपराध है।

चार मिनट की दूरी पर थाना, 45 मिनट में भी नहीं पहुंची पुलिस

आयोग की उपाध्यक्ष ज्योति ने तत्काल एसएसपी को फोन किया और पूरी घटना की जानकारी दी। एसएसपी ने कहा कि वह तुरंत पुलिस टीम को भेज रहे हैं। लेकिन 45 मिनट तक कोई भी पुलिस टीम नहीं पहुंची। जबकि उस जगह से केवल चार मिनट की दूरी पर महिला थाना था। इसके बाद उन सभी आदिवासियों को लेकर आयोग की उपाध्यक्ष एनटीडी स्थित महिला थाना पहुंची। वहां भी कोई जिम्मेदार अधिकारी मौजूद नहीं था। उन्होंने वहां तैनात पुलिस के जवानों को आदिवासी परिवारों को सौंपा और उनके जाने की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा।

तीन दिन से बच्चों के अधिकारों का खुलेआम उल्लंघन हो रहा है लेकिन पुलिस व प्रशासन को यह पता भी नहीं चला। ऐसा नहीं हो सकता है। यह बेहद लापरवाही है। बिना सत्यापन के 14 से 15 लोग बच्चों को लेकर घूम रहे हैं। इसका जवाब मांगा जा रहा है।

-ज्योति साह मिश्रा, उपाध्यक्ष, महिला आयोग


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