आबादी में घुसे बाघ को उपचार के बाद जंगल में छोड़ा
कोटद्वार रोड की घनी आबादी में शनिवार रात आया बाघ आपसी संघर्ष में घायल हुआ था। रात में ट्रैंकुलाइज कर उसे पकड़ लिया गया।
रामनगर, जेएनएन : कोटद्वार रोड की घनी आबादी में शनिवार रात आया बाघ आपसी संघर्ष में घायल हुआ था। रात में ट्रैंकुलाइज कर उसे पकड़ लिया गया। मध्य रात्रि में भीड़ की वजह से उसे ट्रैंकुलाइज करने में सीटीआर कर्मियों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। प्राथमिक उपचार के बाद रविवार सुबह झिरना पर्यटन जोन में ले जाकर उसे छोड़ दिया।
सीटीआर की बिजरानी सीमा से सटे कोटद्वार रोड रिहायशी क्षेत्र में शनिवार रात सीटीआर की दीवार फांदकर बाघ आबादी में आ गया। उसकी दहशत से लोग सहम गए। लोगों की भीड़ होने पर वह घर के समीप नाले में घुस गया। सूचना पर बिजरानी रेंजर राजकुमार व पशु चिकित्सक दुष्यंत कुमार मौके पर पहुंचे। करीब ढाई बजे पशु चिकित्सक दुष्यंत ने ट्रैंकुलाइज गन से उसे बेहोशी का इंजेक्शन मारा। एक ही इंजेक्शन में वह बेहोश हो गया। इसके बाद उसे तीन घंटे की मशक्कत के बाद बाघ को नाले से बाहर निकाला गया। करीब 45 मिनट बाद उसे होश आया गया। बेहोशी के दौरान ही उसे ड्रिप लगाकर दवा दी गई। उसके शरीर मे लगी चोट पर दवा का स्प्रे भी किया गया। रविवार सुबह आठ बजे उसे झिरना रेंज क्षेत्र में ले जाकर छोड़ दिया। पशु चिकित्सक ने बताया कि उसके शरीर में कई जगह चोट के निशान है। पिछले पैर में चोट थी। वह दूसरे बाघ से हमले में घायल हो गया था। वह भूखा व कमजोर भी था।