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खतरे में पहाड़ को मैदान से जोड़ने वाला चाफी पुल, बुनियाद में घुस रहा है कलसा का पानी, पहले भी टूट चुका है यह

नदी का पानी तेज वेग से पुल के बुनियाद में लगे पत्थर से टकरा रहा है जिससे कई पत्थर बह गए हैं और बुनियाद में लगातार पानी घुस रहा है। इससे पुल के लिए खतरा उत्पन्न हो गया है।

By rakesh sanwalEdited By: Rajesh VermaPublished: Sat, 24 Sep 2022 10:50 AM (IST)Updated: Sat, 24 Sep 2022 10:50 AM (IST)
खतरे में पहाड़ को मैदान से जोड़ने वाला चाफी पुल, बुनियाद में घुस रहा है कलसा का पानी, पहले भी टूट चुका है यह
चौकी चाफी का पुल (Chaffi bridge) भी खतरे की जद में आ गया है।

संवाद सहयोगी, भीमताल : पहाड़ पर मौसम का रौद्र रूप देखने को मिल रहा है। इससे कई जगहों पर मुसीबत खड़ी हो गई है। बारिश के कारण कई सड़के क्षतिग्रस्त हो गई है। वहीं, चौकी चाफी का पुल (Chaffi bridge) भी खतरे की जद में आ गया है। पुल की बुनियाद में लगातार कलसा नदी (Kalsa river) का पानी घुस रहा है। बरसात के कारण नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे अभी और परेशानी खड़ी हो सकती है।

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kalsa river

1989 में भी टूटा था यह, सेना ने बनाया था नया पुल

यह पुल पर्वतीय क्षेत्रों को मैदानी इलाकों से जोड़ता है। इसी पुल से होकर अधिकांश पर्यटक मुक्तेश्वर व अन्य हिल स्टेशन को जाते हैं। स्थानीय निवासी रामू मेर ने बताया कि बरसात के कारण नदी का पानी तेज वेग से पुल के बुनियाद में लगे पत्थर से टकरा रहा है, जिससे कई पत्थर बह गए हैं और बुनियाद में लगातार पानी घुस रहा है। इससे पुल के लिए खतरा उत्पन्न हो गया है। स्थानीय लोगों के अनुसार पुल 1989 में भी टूटा था। बाद में सेना के जवानों ने इसके बगल में नया पुल बनाया था।

नदी कर रही पुल को कमजोर

गरमपानी की पहाड़ी के कमजोर होने और लगातार वहां भूस्खलन होने से क्षेत्र का अधिकांश यातायात इसी पुल से होकर अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, चंपावत, बागेश्वर को जाता है। वर्तमान में बरसात के दिनों में कलसा नदी जब पूरे वेग में बहती है तो भारी मात्रा में पत्थर और निर्माण सामग्री बहकर गौला नदी में समाती है। इसके चलते इस क्षेत्र में भारी मात्रा में पत्थर हल्द्वानी की ओर बह जाते हैं, जिनसे रगड़ खाकर पुल के अधिकांश पत्थर अपने स्थान से खिसक गए हैं और बुनियाद खोखली हो रही है। स्थानीय लोगों ने लोक निर्माण विभाग से जल्द से जल्द बुनियाद को ठीक करवाने की मांग की है।

मामला संज्ञान में आया है। यदि पुल की बुनियाद खोखली हो रही है तो उसको ठीक कराया जाएगा। इंजीनियरों के दल को भेजा जा रहा है।

- मदन मोहन पुंडीर, अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग


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