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आइएफएस अफसरों की प्रशिक्षण कार्यशाला में बोले पर्यावरणविद्, पर्यावरण की कीमत पर विकास का मॉडल खतरनाक

पर्यावरणविद चंडी प्रसाद भट्ट ने केदारनाथ त्रासदी से व्यापक नुकसान के बाद भी सबक नहीं लेने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। पर्यावरण को नुकसान पहुंचाकर विकास का मॉडल मानव व जीव जंतुओं केअस्तित्व के लिए खतरा है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sat, 27 Apr 2019 10:55 AM (IST)Updated: Sat, 27 Apr 2019 10:55 AM (IST)
आइएफएस अफसरों की प्रशिक्षण कार्यशाला में बोले पर्यावरणविद्, पर्यावरण की कीमत पर विकास का मॉडल खतरनाक
आइएफएस अफसरों की प्रशिक्षण कार्यशाला में बोले पर्यावरणविद्, पर्यावरण की कीमत पर विकास का मॉडल खतरनाक

नैनीताल, जेएनएन : पर्यावरणविद चंडी प्रसाद भट्ट ने केदारनाथ त्रासदी से व्यापक नुकसान के बाद भी सबक नहीं लेने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने साफ किया कि पर्यावरण को नुकसान पहुंचाकर विकास का मॉडल मानव व जीव जंतुओं के अस्तित्व के लिए खतरा है। पर्यावरण बचाने के लिए चिपको जैसे आंदोलनों को मौजूदा दौर में उन्होंने अधिक प्रासंगिक करार दिया। वह शुक्रवार को डॉ. आरएस टोलिया उत्तराखंड प्रशासन अकादमी में आइएफएस अफसरों के गुड गवर्नेंस पर आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन दिवस पर पहुंचे थे। इस दौरान विकास के मौजूदा मॉडल से वह नाखुश नजर आए। उन्होंने पेड़ों को काटकर ऑल वेदर रोड बनाने को भी पर्यावरण के लिए खतरनाक करार दिया। कहा कि 2013 में केदारनाथ में मंदाकिनी ने रौद्र रूप दिखाया। पूरा उत्तराखंड इस त्रासदी से प्रभावित दिखा। उन्होंने चिपको आंदोलन के बारे में अनुभव भी साझा किए।

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पूर्व कैबिनेट सचिव अजीत कुमार सेठ ने जलवायु परिवर्तन पर व्याख्यान देते हुए कहा कि वातावरण में कार्बन डाई ऑक्साइड का उत्सर्जन कम करना होगा। उन्होंने जलवायु परिवर्तन को लेकर नए नियमों-कायदों की जानकारी देने के साथ ही वैश्विक स्तर पर समस्या के समाधान के लिए भारत के प्रयासों की जानकारी दी। समापन मौके पर प्रतिभागियों को प्रतीक चिह्नï दिए गए। उन्होंने प्रशिक्षण कार्यक्रम की बेहतर व्यवस्थाओं के लिए निदेशक एएस नयाल समेत कोर्स से जुड़े अधिकारी-कर्मचारियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर अकादमी के उपनिदेशक वित्त दिनेश चंद्र राणा, कोर्स डायरेक्टर मनोज पांडे आदि मौजूद थे।

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