उत्तराखंड में निकाय चुनाव में देरी का मामला फिर पहुंचा हाईकोर्ट, याचिका पर 13 अगस्त को होगी सुनवाई
उत्तराखंड में नगर पालिकाओं व नगर निगमों का कार्यकाल दिसंबर 2023 में समाप्त हो गया। आठ माह बीत जाने के बाद भी सरकार ने चुनाव कराने का कार्यक्रम घोषित नहीं किया है जिससे आम लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसी क्रम में यह मामला फिर से हाई कोर्ट जा पहुंचा है और जल्द चुनाव कराने की मांग की गई है।
जागरण संवाददाता, नैनीताल। राज्य में स्थानीय निकाय चुनाव में हो रही देरी का मामला एक बार फिर हाई कोर्ट पहुंच गया है। बुधवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति ऋतु बाहरी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने इस मामले में सुनवाई के लिए अगली तिथि 13 अगस्त नियत की है।
जसपुर निवासी मोहम्मद अनवर ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि नगर पालिकाओं व नगर निगमों का कार्यकाल दिसंबर 2023 में समाप्त हो गया।
आम लोगों को झेलनी पड़ रही कठिनाइयां
कार्यकाल समाप्त हुए आठ माह बीत गए फिर भी सरकार ने चुनाव कराने का कार्यक्रम घोषित नहीं किया। निकायों में प्रशासक नियुक्त होने से आम लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
प्रशासक तब नियुक्त किया जाता है जब कोई निकाय भंग की जाती है। उस स्थिति में भी सरकार को छह माह के भीतर चुनाव कराना आवश्यक होता है।
याचिका में कहा गया है कि इसी साल जनवरी में एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान सचिव शहरी विकास ने कोर्ट में पेश होकर कहा था कि छह महीने के भीतर नगर निकायों के चुनाव करा लिए जाएंगे। फिर अप्रैल में भी कहा था कि चुनाव छह माह के भीतर करा लिए जाएंगे।
छह माह के भीतर चुनाव करने का था निर्देश
कोर्ट ने सचिव के बयान को रिकॉर्ड पर लेते हुए छह माह के भीतर चुनाव कराने को कहा था लेकिन अभी तक सरकार ने चुनाव कार्यक्रम की घोषणा नहीं की लेकिन प्रशासकों का कार्यकाल बढ़ा दिया।
सरकार ने कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया। इसलिए सरकार को फिर से निर्देश दिए जाएं कि निकायों के शीघ्र चुनाव कराए जाएं।