जंगल में लकड़ी लेने गए व्यक्ति को बाघ ने मार डाला
जंगल में बेटे के साथ लकड़ी लेने गए व्यक्ति को बाघ ने मार डाला।
संवाद सहयोगी, रामनगर : जंगल में बेटे के साथ लकड़ी लेने गए व्यक्ति को बाघ ने मार डाला। खोजबीन के दौरान सात घटे बाद उसका शव बरामद हुआ। इस घटना से ग्रामीणों में आक्रोश पनप गया। सूचना पर पहुंचे वन विभाग के कर्मचारियों ने शव कब्जे में लेने की कोशिश की, लेकिन ग्रामीणों ने वन विभाग के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया। उन्होंने बाघ को आदमखोर घोषित करने की मांग की। काफ ी देर बाद शव वन चौकी लाया जा सका। देर शाम तक वनाधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे थे।
तराई पश्चिमी वन प्रभाग के अंतर्गत दक्षिणी जसपुर पतरामपुर रेंज के कंपाउंड नंबर 38 में मालधन मोहननगर निवासी वीरेंद्र सिंह उर्फ चीता (40) पुत्र करतार सिंह मंगलवार सुबह करीब 10 बजे बेटे सुनील के साथ लकड़ी लेने जंगल गया था। उसने बेटे को बीच रास्ते में यह कहकर रुकने के लिए कहा कि वह जंगल से लकड़ी लेकर आ रहा है। इसके बाद वह (सुनील) उसे साइकिल से लेकर घर चला जाएगा। इतना कहकर वीरेंद्र लकड़ी काटने जंगल में चला गया। एक घंटे तक जब वह नहीं लौटा तो बेटा घर आ गया। दोपहर होने पर भी वीरेंद्र घर नहीं आया तो परिजनों को चिंता सताने लगी। परिजनों ने सुनील से दोबारा पिता के बारे में पूछा तो उसने बताया कि जहा वह खड़ा था, उधर किसी जानवर की आवाज आ रही थी। इस पर परिजनों ने गाव वालों को सूचना दी। इसके बाद वन विभाग की चौकी को भी जानकारी दी गई। फिर परिवार के लोग व वनकर्मी वीरेंद्र की तलाश करने जंगल में चले गए। शाम करीब पांच बजे घर से करीब एक किलोमीटर दूर जंगल में झाड़ी में उसका शव पड़ा मिला। उसके गले पर बाघ के दातों के गहरे निशान थे। यह देख परिजनों में कोहराम मच गया। इस सूचना पर ग्रामीण भी मौके पर जुटने लगे और वन विभाग के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया।
पूर्व ब्लॉक प्रमुख बसंती आर्य, प्रधान बलदेव गोपाल, रमेश पंडित, भुवन चंद्र, ओमपाल चौधरी, भजन सिंह, वजीर अली आदि ने बाघ को आदमखोर घोषित कर उसे मारने की माग की।