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नबाबुद्दीन व गुलाम मुस्‍तफा ने स्‍वीडिश शाही जोड़े को तोहफे में दिया हाथ से बना पंखा व कंबल, राजा-रानी से मिल खुशी से झूमे वन गूजर

वन गूजरों के संघर्षपूर्ण जीवनयापन को देखकर स्वीडन के राजा कार्ल गुस्ताफ व रानी सिल्विया ने उनकी प्रशंसा की। गूजर भी शाही जोड़े को अपने बीच पाकर फूले नहीं समाए।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sat, 07 Dec 2019 09:22 AM (IST)Updated: Sat, 07 Dec 2019 03:26 PM (IST)
नबाबुद्दीन व गुलाम मुस्‍तफा ने स्‍वीडिश शाही जोड़े को तोहफे में दिया हाथ से बना पंखा व कंबल, राजा-रानी से मिल खुशी से झूमे वन गूजर
नबाबुद्दीन व गुलाम मुस्‍तफा ने स्‍वीडिश शाही जोड़े को तोहफे में दिया हाथ से बना पंखा व कंबल, राजा-रानी से मिल खुशी से झूमे वन गूजर

रामनगर (नैनीताल), जेएनएन : महलों में रहने वाली रानी व राजा जब मिट्टी व घास-फूस से बने कच्चे घरों तक  पहुंचे तो गूजर परिवारों की खुशी भी दोगुनी हो गई। समाज की मुख्यधारा से दूर झिरना के पत्थरकुआ स्थित डेरे में रह रहे गूजरों ने घर व आंगन को साफ कर सजाया हुआ था। वन गूजरों के संघर्षपूर्ण जीवनयापन को देखकर स्वीडन के राजा कार्ल गुस्ताफ व रानी सिल्विया ने उनकी प्रशंसा की। शाही दम्पत्ति ने गूजरों से शिक्षा, वन्य जीवों से सुरक्षा, विस्थापन, मुआवजा आदि बिंदुओं पर बातचीत की। उन्होंने वर्तमान समय में गूजरों के बच्चों के अशिक्षित होने पर भी चिंता जताई।

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शाही जोड़े को अपने बीच पाकर प्रफुल्लित हुए गुजर

गुजर नबाबुद्दीन ने कहा कि शाही दंपत्ति ने शिक्षा को लेकर हमसे बातचीत की। हमने बताया कि रामनगर उनके डेरे से 23 किलोमीटर व जसपुर 18 किलोमीटर दूर है। जिस वजह से उनके समाज के सभी बच्चे इतनी दूर शिक्षा ग्रहण करने नहीं जा पाते। वहीं, ताज मोहम्मद ने कहा कि राजा ने घने जंगल के बीच जीवनयापन की दुश्वारियों के बावत पूछा। उन्हें हैरत भी हुई कि बाघ, हाथी व अन्य हिंसक वन्य जीवों के बीच वह कैसे रहते हैं। उन्हें बताया कि विस्थापन न होने के चलते जंगल में रहना हमारी मजबूरी है।

गुलाम मुस्तफा का कहना है कि शाही दंपती के डेरे में आने से हमारा सिर गर्व से ऊंचा हो गया। अच्छा लगा कि इतने बड़े लोग आज हमारे बीच में आकर हमसे बात कर रहे हैं। उधर, लियाकत अली ने बताया कि राजा व रानी ने हमसे रोजगार के स्रोत के बारे में पूछा। हमने उन्हें बताया कि गूजरों की आजीविका केवल पशुपालन से होती है। जंगल में हर साल करीब 15 पशुओं को बाघ मार देते हैं।

शाही दंपती को दिया उपहार

झिरना के पत्थरकुआ स्थित डेरे के वन गूजरों ने मुलाकात के दौरान शाही दंपती को उपहार भी दिए। परिवार की महिलाओं ने राजा को गर्म कंबल व रानी को हाथ से बना पंखा भेंट किया। उन्होंने शुक्रिया करते हुए कहा कि वह यादगार चीज अपने साथ ले जा रहे हैं।

रानी ने जताई खीर खाने की इच्छा

गूजर डेरे पहुंची रानी सिल्विया जब गूजर रहमान से बात कर रही थी जो रहमान ने कहा कि उनकी आय का जरिया गाय व भैंस के दूध की बिक्री ही है। शुद्ध व ताजे दूध की खीर बहुत स्वादिष्ट बनती है। तारीफ सुन रानी ने खीर खाने की इच्छा जता दी। महिलाएं खीर बनाने की तैयारी करतीं इससे पहले ही शाही दल में दिल्ली से आए फूड इंस्पेक्टर ने रानी को सुरक्षा कारणों का हवाला दे दिया। यही नहीं गुजर परिवारों ने राजा-रानी के लिए परंपरागत बर्तनों में चाय की व्यवस्था भी की थी। सुरक्षा कारणों व देर होने का हवाला देते हुए उन्होंने चाय बनाने के लिए मना कर दिया।

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