बागेश्वर में व्यापारियों और पालिका में बढ़ी तकरार, बाजार किया बंद, अब कल पर्यावरण मित्र सफाई कार्य करेंगे ठप
Dispute between traders and the municipality in Bageshwar नगर पालिका बोर्ड ने नुमाइशखेत मैदान पर रामलीला दुर्गापूजा दीपावली और उत्तरायणी मेले के दौरान दुकानें आवंटित करने का प्रस्ताव पारित किया है। लेकिन व्यापार मंडल इसके विरोध में उतर आया है।
जागरण संवाददाता, बागेश्वर : Dispute between traders and municipality in Bageshwar : नुमाइशखेत में बाहर से आए व्यापारियों को दुकानें आवंटित करने के विरोध में शनिवार को बागेश्वर में बाजार पूरी तरह बंद रहा। गांवों से आए लोग और यात्रियों को चाय भी नहीं मिली। व्यापारियों ने नुमाइशखेत मैदान पर धरना दिया।
प्रशासन से हस्तक्षेप की मांग
इसके बाद नगर पालिका ने आपात बोर्ड बैठक बुलाई, मगर व्यापारी और पालिका दोनों अपनी बात पर अड़े हुए हैं। वहीं, पालिका के पक्ष में अब पर्यावरण मित्रों ने रविवार को सफाई अभियान पर विराम का नारा बुलंद कर दिया है। जिला प्रशासन से मामले में हस्तक्षेप करने की मांग भी तेज हो गई है।
पालिका के इस फैसले का हो रहा विरोध
नगर पालिका बोर्ड ने नुमाइशखेत मैदान पर रामलीला, दुर्गापूजा, दीपावली और उत्तरायणी मेले के दौरान दुकानें आवंटित करने का प्रस्ताव पारित किया है। बाहर से आने वाले दुकानदारों से एक दुकान से पांच हजार रुपये प्रतिदिन शुल्क लिया जाता है, जबकि स्थानीय व्यापारियों से सौ से लेकर पांच सौ रुपये तक है। पालिका की आय बढ़ाने के लिए यह निर्णय बेहतर भी साबित हो रहा है। लेकिन व्यापार मंडल इसके विरोध में उतर आया है।
व्यापारियों की सुनिए
व्यापारियों ने शनिवार को बाजार बंद का आह़्वान किया। एकजुटता के चलते सफलता भी मिली। वहीं, नुमाइखेत मैदान पर धरना दिया। व्यापार मंडल अध्यक्ष कवि जोशी ने कहा कि स्थानीय व्यापारियों की उपेक्षा की जा रही है। नवरात्रि में नुमाइखेत में रामलीला और दुर्गा महोत्सव होते हैं। लोग बच्चों को लेकर आते हैं। महिलाएं व्रत कर भजन आदि का गायन करती हैं, लेकिन पालिका ने 40 दुकानें बाहर के लोगों को दे दी। मैदान में घूमने तक की जगह नहीं रह गई है। उन्होंने तीन दिन इसका विरोध किया। दूसरे दिन प्रशासन को भी आगाह किया, किसी ने भी इसकी सुध नहीं ली। अब व्यापारियों ने विरोध में बाजार बंद किया है। यदि इसके बाद भी दुकानें नहीं हटीं तो प्रदेश स्तरीय बाजार बंद किया जाएगा।
पालिकाध्यक्ष बोले- यह बोर्ड का निर्णय
पालिकाध्यक्ष सुरेश खेतवाल ने कहा कि यह बोर्ड का निर्णय है। व्यापारियों से निवेदन है कि वह अपना आंदोलन स्थगित करें। आपसी समन्वय स्थापित कर मामले का हल निकाला जा सकता है। स्थानीय लोगों के लिए भी स्थान दिया जाएगा। नुमाइशखेत पालिका की संपत्ति है। पालिका की आय बढ़ाने के लिए यह निर्णय है। जिस पर बोर्ड के सभी सदस्य सहमत हैं। लोकतांत्रिक व्यवस्था पर बोर्ड नियम बनाता है। वह नगरवासियों के हितों के लिए होते हैं। स्थानीय व्यवसाय प्रभावित नहीं हो, इसके लिए हैंडलूम, हैंडीक्राफ्ट, खादी ग्रामोद्योग के उत्पादन भी बेचने के निर्देश दिए गए हैं। बोर्ड का प्रस्ताव जिला प्रशासन को भेजा जा रहा है।
पर्यावरण मित्रों की भी भौंहे तनीं
पर्यावरण मित्र संगठन के अध्यक्ष नरोत्तम ने कहा कि यदि व्यापारी नहीं माने तो वह स्वच्छता अभियान रविवार से बंद कर देंगे। पालिका की आय से ही उनका वेतन निकलता है। बोर्ड के निर्णय के विरुद्ध व्यापारी गए हुए हैं। वह पालिका को समर्थन देंगे। इसके लिए जिला प्रशासन जिम्मेदार होगा।
यात्री और ग्रामीण रहे परेशान
बाजार बंद होने से गांवों से आए लोग और यात्री परेशान रहे। व्यापार मंडल ने यह निर्णय बीती शाम एसडीएम से वार्ता विफल होने के बाद लिया। जिसके कारण लोगों को चाय, भोजन और अन्य सामान नहीं मिल सका। लेटी गांव की पानुली देवी ने कहा कि वह सामान लेने आई थीं। जौलकांडे की लछीमा ने बताया कि बच्चों के लिए सामान लेना था। चौगांवछीना के गोविंद ने बताया कि कपड़े आदि खरीदने थे। बाजार बंद होने से उनका समय और धन बर्बाद हुआ।