पर्यटन के लिए रीढ़ बन सकती है तितलियों के रंग-बिरंगी दुनिया
कोरोना संक्रमण की वजह से पर्यटन पूरी तरह डूब चुका हैं। इसका खेवनहार तितलियां बन सकती है। इसके लिए सरकार को प्रयास करने होंगे। ये बातें तितली महोत्सव में प्रतिभाग कर रहे लोगों ने कही।
संस, रामनगर : कोरोना संक्रमण की वजह से पर्यटन पूरी तरह डूब चुका हैं। इसका खेवनहार तितलियां बन सकती है। इसके लिए सरकार को प्रयास करने होंगे। ये बातें तितली महोत्सव में प्रतिभाग कर रहे लोगों ने कही।
अलाया रिसॉर्ट क्यारी में चल रहे तितली महोत्सव के छठवें दिन रविवार को कल्पतरु वृक्ष मित्र के सदस्यों के अलावा, नेचर गाइड्स, स्थानीय लोगों व पर्यटकों ने प्रतिभाग किया। इस दौरान कल्पतरु के मितेश्वर आनंद ने कहा की तितलियां रोजमर्रा के जीवन में कई बार बार देखते थे, लेकिन आज उनके महत्व का पता चला। इको नेचर गाइड समिति के अध्यक्ष अनिल चौधरी ने कहा कि तितलियों के प्रति जागरूकता से पर्यटन को भविष्य में बढ़ावा मिलेगा। साथ ही लोगों ने सरकार से मांग की कि तितलियों के रंग-बिरंगे संसार के लिए राज्य में छोटे-छोटे केंद्र बनाए जाएं। साथ ही अगस्त से लेकर अक्टूबर तक राज्य को तितली पर्यटन घोषित भी किया जाए ताकि यहा आने वाले पर्यटक तितलियों के बारे में जानकारी हासिल कर सके। साथ ही उनके बारे में अपनी जिज्ञासा भी शांत कर सकें। साथ ही पर्यटन का बढ़ावा भी मिलेगा। वहीं रविवार को ट्रेल के दौरान पलाइन टाइगर, ऑर्चित टिट, कॉमन ग्रास येलो, जेंट रेड आई, पीब्लू, गौडी बैरन, ऑरेंज अवलेट, फॉरगेट मी नोट, लस्कार, कॉमन जेज़बेल, वनडरर, ग्रेट एग्गफलाई, कॉमन लैपर्ड, कमान फोर रिंग आदि तितलिया देखने को मिली। इस दौरान संजय छिम्वाल, विजय सिंह, डॉ. दीपक रस्तोगी व गौरव खुल्बे, अतुल मेहरोत्रा, डॉ. अनुपम शुक्ला, गणेश रावत, फजल रिजवी, बीएस डंगवाल, मनोज कांडपाल , सुरेश नेगी मौजूद रहे।