अफसरशाही ने फेल कर दिया शहर का ड्रेनेज सिस्टम
करीब 186 साल के हो चुके हल्द्वानी को नाम के तमगों क्र अलावा शायद ही कुछ मिलीा हो। शहर मे जल निकासी के लिए बने नालों पर लोगों ने अतिक्रमण कर दिया है। जिससे पानी की निकासी में अवरोध पैदा होता है।
जासं, हल्द्वानी : करीब 186 साल के हो चुके हल्द्वानी को नाम के तमगों के अलावा शायद ही कुछ मिला हो। किसी ने चकाचौंध देखकर 1834 में स्थापित इस शहर को महानगर कह दिया किसी ने कुमाऊं का प्रवेश द्वार। मगर, हकीकत वही जानते हैं जो यहां दशकों से रह रहे हैं। विकास के नाम पर बेतरतीब निर्माण होते गए। शहर में रहने की होड़ ऐसी कि पुराने समय में जल निकासी के लिए बने नालों के ऊपर तक मकान, दुकान खड़े कर दिए गए। नतीजा ये है कि बरसात के दौरान नैनीताल रोड, कालाढूंगी रोड समेत वार्डो का जलमग्न होना अब आम बात हो चली है। बदहाली के लिए जितने जिम्मेदार अतिक्रमणकारी हैं उतने ही वे अफसर भी जिनकी सह पर ये चल रहा है।
:::::::::::
कहीं पटाल तो कहीं सीसी रोड बना डाली
शहर में जल निकासी के लिए कुल 15 छोटे-बड़े नाले हैं। बनभूलपुरा नई बस्ती स्थित रेलवे नाला जबरदस्त अतिक्रमण की चपेट में है। वहीं, कब्रिस्तान बाउंड्री से सटे नाले के अधिकतर हिस्से का पटाल से ढक दिया गया है। कई जगह तो सीसी रोड तक नाले के ऊपर बना दी गई है। इसके अलावा वर्कशॉप लाइन में भी दूर-दूर तक निकासी नाला दिखाई ही नहीं देता। मुखानी के आसपास निकासी नाला गायब है। इन नालों पर सबसे अधिक अतिक्रमण
- हाइडिल गेट से आवास विकास तक
- आवास विकास से सुभाषनगर रेलवे क्रॉसिंग से राजपुरा
- राजपुरा चौराहे से स्लाटर हाउस होते हुए गौला तक
- केमू स्टेशन से ईदगाह होते हुए शनि बाजार तक
- वार्ड 20 निशांत स्कूल के सामने रेलवे क्रॉसिंग तक
- रामपुर रोड बांबे क्रॉकरी से एसटीएच तक
- शनि बाजार मंडी गेट से रेलवे क्रॉसिंग तक
- गुसाई नगर से जेल रोड होते हुए हीरानगर पार्क तक
- कालाढूंगी रोड से रामपुर रोड पेट्रोल पंप तक
----------
शहर में नालों के जरिये जल निकासी की व्यवस्था है। अमृत योजना के तहत ड्रेनेज सेक्टर का प्रस्ताव पास नहीं हो सका। बेहतर ड्रेनेज सिस्टम के लिए भविष्य में कुछ बेहतर करने का प्रयास है।
सीएस मर्तोलिया, नगर आयुक्त नगर निगम हल्द्वानी-काठगोदाम