Move to Jagran APP

32 साल पुराना रिकार्ड तोड़ने की तरफ तराई-भाबर का पारा

तराई और भाबर में धरती लगातार तप रही है। जिसके चलते अधिकतम पारा भी बढ़ता जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 27 May 2020 03:08 AM (IST)Updated: Wed, 27 May 2020 06:14 AM (IST)
32 साल पुराना रिकार्ड तोड़ने की तरफ तराई-भाबर का पारा
32 साल पुराना रिकार्ड तोड़ने की तरफ तराई-भाबर का पारा

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी: तराई और भाबर में धरती लगातार तप रही है। जिसके चलते अधिकतम पारा भी बढ़ता जा रहा है। सोमवार के मुकाबले मंगलवार को अधिकतर तापमान एक डिग्री बढ़त के साथ 41 डिग्री तक जा पहुंचा। मौसम विभाग के अनुसार 32 साल पहले 29 मई को अधिकतम तापमान 44 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। जिसके बाद इस साल मई का तापमान पहली बार 41 डिग्री पहुंच गया है। गर्मी बढ़ने से लोग बेहाल हैं। इससे आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है।

loksabha election banner

मई के शुरुआती दिनों में मौसम में बदलाव कम देखने को मिला था। दूसरे सप्ताह से उमस के साथ-साथ तेज गर्मी का प्रकोप शुरू हुआ। हालांकि बीच में कुछ दिन बारिश व ओलावृष्टि के चलते गर्मी का अहसास कम ही हुआ, मगर तीसरे सप्ताह की शुरुआत से तराई और भाबर का पारा दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है। हर दिन बढ़ता तापमान एक नया रिकॉर्ड बना रहा है, लेकिन मंगलवार की भीषण गर्मी ने 32 साल पुराना रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिया।

29 मई 1988 को हल्द्वानी का अधिकतम तापमान 44.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। इसके बाद से मई का सबसे अधिक तापमान 40.8 डिग्री सेल्सियस 2015 में दर्ज किया गया था। हालांकि, राहत की बात यह है कि आने वाले दिनों में बारिश थोड़ा ठंडक देगी। पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक आरके सिंह ने बताया कि 28, 29, 30 मई को तराई में हर दिन 15 मिलीमीटर तक बारिश होगी। इसके साथ ही 50 से 60 किलोमीटर की गति से आंधी भी चलेगी। जबकि, पर्वतीय क्षेत्रों में ओलावृष्टि और 25 मिलीमीटर तक बारिश होगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.