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आबादी में हाथी और अन्य जानवरों को घुसने से रोकने के ल‍िए लगाया टेनटेकल फेंसिंग

लगातार बढ़ रहे हाथी व मानव संघर्ष को रोकने के लिए वन विभाग ने बरेली रोड से सटे गांवों में तीन किमी से ज्यादा क्षेत्र में टेनटेकल फेंसिंग का इस्तेमाल किया है।

By Edited By: Published: Sat, 30 May 2020 04:02 AM (IST)Updated: Sat, 30 May 2020 09:24 AM (IST)
आबादी में हाथी और अन्य जानवरों को घुसने से रोकने के ल‍िए लगाया टेनटेकल फेंसिंग
आबादी में हाथी और अन्य जानवरों को घुसने से रोकने के ल‍िए लगाया टेनटेकल फेंसिंग

हल्द्वानी, जेएनएन : लगातार बढ़ रहे हाथी व मानव संघर्ष को रोकने के लिए वन विभाग ने बरेली रोड से सटे गांवों में तीन किमी से ज्यादा एरिया में टेनटेकल फेंसिंग का इस्तेमाल किया है। कर्नाटक के बद्रीपुर टाइगर रिजर्व व केरल के वायनाड टाइगर रिजर्व में इसका सफल प्रयोग हो चुका है। इस झालरनुमा फेंसिंग से छोटे वन्यजीवों को कोई खतरा भी नहीं होगा। इससे झटका बड़ आकार के जानवरों जैसे हाथी व के जानवरों को लगेगा, जो आबादी में आकर काश्तकारों की मेहनत को चौपट करते हैं।

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हल्द्वानी में गौलापार, बरेली रोड व कमलुवागांजा में फसल तैयार होने के साथ हाथियों की दस्तक भी शुरू हो जाती थी। जाड़ों में हल्दूचौड़ के जंगलों से हाथियों का झुंड खेतों में पहुंच जाता था, जिस वजह से ग्रामीण व वन विभाग दोनों परेशान थे। इससे पूर्व बचाव के लिए महकमा सोलर फेंसिंग, हाथी दीवार समेत तमाम तरीके इस्तेमाल कर चुका था, मगर उसमें ज्यादा बजट इस्तेमाल होता है।

वनक्षेत्राधिकारी सावित्री गिरी ने बताया कि हल्दूचौड़ में जंगल किनारे फेंसिंग लगाई गई है। जल्द इसका संचालन शुरू हो जाएगा। 14 फीट लंबे खंबों में झालरनुमा तार टेनटेकल तकनीक में हर 25 मीटर में 14 फीट लंबे खंबे लगते हैं, उसमें तार झालर की तरह लटकाया जाता है। उसके बाद सोलर पैनल से कनेक्ट किया जाता है।

हाथी अगर दूसरे रास्ते से आबादी में घुस जाए, तो कनेक्शन स्विच ऑफ कर करंट बंद कर सकते हैं और झालर के बीच से ही हाथी निकल जाएगा। छोटे वन्यजीवों का आवागमन नहीं रुकेगा इस तकनीक में वायर जमीन से तीन फीट ऊपर से लटकती है। ऐसे में हिरण, काकड़ व अन्य छोटे वन्यजीवों को अचानक में नुकसान नहीं होगा।

बरेली रोड पर लगाया गया फेंसिंग 127 पोलों पर टिका है। हल्द्वानी रेंज में चार्ज के दौरान काम शुरू करवाया गया था। लॉकडाउन की वजह से मार्च में यह पूरा नहीं हो सका। अब टेनटेकल फेंसिंग लग चुकी है। काश्तकारों को इससे काफी फायदा होगा। 3.17 किमी फेंसिंग लगाई गई है। -सावित्री गिरी, रेंजर भाखड़ा

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