सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट निर्माण की समय सीमा से 21 दिन पहले टेंडर की अनुमति
हाई कोर्ट ने सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट निर्माण के लिए मार्च तक का समय दिया है, लेकिन अभी तक बाउंड्री वॉल से लेकर सिविल वर्क तक का काम नहीं हो पाया है।
हल्द्वानीए जेएनएन : हाई कोर्ट ने सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट निर्माण के लिए मार्च तक का समय दिया है, लेकिन अभी तक बाउंड्री वॉल से लेकर सिविल वर्क तक का काम नहीं हो पाया है। हाई कोर्ट की ओर से निर्धारित डेडलाइन नजदीक है और अब प्रशासन कागजी घोड़े दौड़ाने में जुट गया है।
नैनीताल व ऊधमसिंह नगर जिले के सात निकायों के कूड़े का निदान हो सके, इसके लिए काठगोदाम बाइपास रोड स्थित वन भूमि पर सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट (एसडब्ल्यूएम) बनाने पर सरकार ने मुहर लगाई। हल्द्वानी नगर निगम पिछले कई सालों से वन विभाग की भूमि पर बने ट्रंचिंग ग्राउंड में कूड़ा डालता आ रहा था। कुछ समय से नैनीताल, भवाली का कूड़ा भी हल्द्वानी आने लगा। इंदिरानगर जन विकास समिति ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि आबादी के पास स्थित ट्रंचिंग ग्राउंड में कूड़ा डालने, जलाने से लोगों के स्वास्थ्य को खतरा पैदा हो रहा है। हाई कोर्ट ने पिछले साल 18 जुलाई के आदेश में कहा था कि ठोस प्रबंधन नियम 2016 का पालन करते हुए नौ माह में एसडब्ल्यूएम तैयार किया जाए।
नगर निगम ने एक हिस्से में आधी अधूरी दीवार लगाकर काम रोक दिया। प्लांट का निर्माण तो दूर, न सिविल वर्क हुआ न टेक्निकल विशेषज्ञ हायर किया गया। छह माह की चुप्पी के बाद सोमवार को कमिश्नर राजीव रौतेला की अध्यक्षता में हुई बैठक में विशेषज्ञ हायर करने व सिविल वर्क के लिए टेंडर जारी करने पर मुहर लगी। ऐसे में प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं।
हाई कोर्ट की ओर से तय डेडलाइन
- एसडब्ल्यूएम प्लांट का संशोधित अनुरोध प्रस्ताव 25 जुलाई 2018 से पहले भेजें। सचिव शहरी विकास 1.08.2018 तक अनुमति प्रदान करें।
- एसडब्ल्यूएम संयंत्र की स्थापना का काम 7.08.2018 तक शुरू होगा। तकनीकी व वित्तीय बिड खोलने सहित निविदा प्रक्रिया 1 सितंबर 2018 तक पूरी होगी।
- एसडब्ल्यूएम का निर्माण सितंबर 2018 के दूसरे सप्ताह में शुरू होगा और छह महीने की अवधि में पूरा होगा।
- (नोट : हाई कोर्ट के 18 जुलाई 2018 के आदेश के अंश)
दस दिन तक नहीं उठा था कूड़ा
पिछले साल हाई कोर्ट में याचिका दायर होने के बाद हाई कोर्ट ने गौलापार ट्रंचिंग ग्राउंड पर कूड़ा फेंकने पर रोक लगा दी थी। प्रशासन के पास दूसरी व्यवस्था नहीं होने से दस दिनों तक शहर का कूड़ा नहीं उठा। हाई कोर्ट के आदेश पर निगम को एक दिन में चार हेक्टेयर जमीन मिली। 18 जुलाई को हाई कोर्ट ने नई जमीन पर कूड़ा डालने की सशर्त इजाजत देने के बाद कूड़ा उठ पाया था।
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