चरस तस्करी मामले में अभियुक्त को दस साल का कठोर कारावास, एनडीपीएस कोर्ट ने एक लाख का जुर्माना भी लगाया
मंडी के पश्चिमी गेट पर एक व्यक्ति उन्हें रंगीन पॉलीथिन की थैली पकड़ा दिखाई दिया। शक होने पर टोका तो वह पुलिस को देख सकपका गया। पूछताछ करते ही उसने मांफी मांगते हुए बताया कि उसके पास चरस है। बाद में चरस को तौला तो डेढ़ किलो निकली।
जागरण संवाददाता, नैनीताल : द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश व विशेष न्यायाधीश एनडीपीएस राकेश कुमार सिंह की कोर्ट ने डेढ़ किलो चरस के साथ पकड़े गए अभियुक्त को दोषी करार देते हुए दस साल कठोर कारावास व एक लाख जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना अदा नहीं करने पर एक माह अतिरिक्त करावास भोगना होगा। अभियोजन के अनुसार 30 जनवरी 2013 को हल्द्वानी में एसआई राजेश यादव, हेड कॉन्स्टेबल सत्येंद्र गंगोला व अन्य एफसीआई तिराहे पर चेकिंग पर निकले थे। वहां एसआइ नीरज भाकुनी भी चेकिंग को पहुंचे थे। मंडी के पश्चिमी गेट पर एक व्यक्ति उन्हें रंगीन पॉलीथिन की थैली पकड़ा दिखाई दिया।
शक होने पर टोका तो वह पुलिस को देख सकपका गया। पूछताछ करते ही उसने मांफी मांगते हुए बताया कि उसके पास चरस है। बाद में पुलिस ने उस चरस को तौला तो डेढ़ किलो निकली। पकड़े गए व्यक्ति ने अपना नाम प्रताप सिंह पुत्र पान सिंह निवासी कोटली, नाई, मदकोट, मुक्तेश्वर जिला नैनीताल बताया। पुलिस ने चरस कब्जे में लेने के साथ ही आरोपित को गिरफ्तार कर लिया। उसके खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस ने मामले में अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया। डीजीसी फौजदारी सुशील कुमार शर्मा व एडीजीसी पूजा साह द्वारा आरोप साबित करने के सात गवाह पेश किए। फोरेंसिक जांच रिपोर्ट में भी पकड़ी गई वस्तु को चरस माना गया है। अभियोजन व बचाव पक्ष की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने आरोपित प्रताप सिंह को एनडीपीएस के तहत दोषी करार देते हुए दस साल का कठोर कारावास व एक लाख जुर्माने की सजा सुनाई।