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मंदिरों के कपटा खुले, शंख-घंटों की गूंज शुरू, शारीरिक दूरी का पालन कर श्रद्धालु कर रहे पूजा पाठ

सरकार के अनलॉक वन में मंदिरों को खोलने की अनुमति देने के साथ ही श्रद्धालुओं व पुजारियों के चेहरे में खुशियां लौटने लगी हैं। तड़के से ही मंदिरों के कपाट खुलने लगे।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Tue, 09 Jun 2020 08:35 AM (IST)Updated: Tue, 09 Jun 2020 08:35 AM (IST)
मंदिरों के कपटा खुले, शंख-घंटों की गूंज शुरू, शारीरिक दूरी का पालन कर श्रद्धालु कर रहे पूजा पाठ
मंदिरों के कपटा खुले, शंख-घंटों की गूंज शुरू, शारीरिक दूरी का पालन कर श्रद्धालु कर रहे पूजा पाठ

हल्द्वानी, जेएनएन : सरकार के अनलॉक वन में मंदिरों को खोलने की अनुमति देने के साथ ही श्रद्धालुओं व पुजारियों के चेहरे में खुशियां लौटने लगी हैं। तड़के से ही मंदिरों के कपाट खुलने लगे। पुजारियों के साथ ही श्रद्धालुओं ने भी मंदिरों की साफ-सफाई की। देवालयों में शंख व घंटियों की गूंज उठने से माहौल भक्तिमय बना रहा। हालांकि जिला प्रशासन की ओर से स्पष्ट आदेश नहीं आने पर दोपहर में मंदिरों के कपाट बंद होने लग गए थे। चार बजे तक सभी मंदिरों में भक्तों के प्रवेश पर रोक लगा दी गयी।

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22 जून से शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों के मंदिरों के कपाट बंद पड़े थे। लॉकडाउन की अवधि में छूट के दौरान श्रद्धालु बंद कपाटों के बाहर से ही खड़े होकर प्रार्थना कर रहे थे। वहीं सरकार ने सोमवार से धार्मिक स्थलों को तड़के पांच से रात नौ बजे तक खोलने की अनुमति देते हुए गाइडलाइन का पालन करने के आदेश दिए। सोमवार सुबह से मंदिरों के कपाट खुले देख श्रद्धालुओं के चेहरे पर मुस्कान लौटी। हालांकि कोरोना का भय श्रद्धालुओं में भी दिखा। लोगों ने शारीरिक दूरी का पालन करते हुए पूजा-अर्चना की। श्रद्धालु मास्क भी पहने हुए थे, कुछ श्रद्धालु मंदिरों में सेनेटाइजेशन की व्यवस्था कर रहे हैं।

पंडित विवेक शर्मा, महंत व व्यवस्थापक प्राचीन राम मंदिर, हल्द्वानी ने कहा कि सरकार के आदेश आने पर करीब 70 दिनों बाद शहर के मंदिरों के मुख्य कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को सरकार की गाइडलाइन की पालन अनिवार्य रूप से करना होगा। देवालयों में हाथ-पैर धोकर भीतर प्रवेश कराया जाएगा। मास्क लगाना व शारीरिक दूरी का पालन करना होगा। मंदिरों के खुलने से सकारात्मकता और भक्तिमय माहौल बनेगा।

पंडित सचिन पांडे, व्यवस्थापक, प्राचीन शिव मंदिर, मुखानी, हल्द्वानी ने बताया कि मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए सोमवार को खोल दिए गए। सुबह मंदिर की साफ-सफाई करने के बाद प्रवेश की अनुमति दी गयी। हालांकि चुनिंदा श्रद्धालुओं को ही शारीरिक दूरी का पालन कर प्रवेश कराया गया। प्रशासन की अोर से मंदिरों को खाेलने के समय का स्पष्ट आदेश नहीं आया था। जिस कारण दोपहर में मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए। मंगलवार से सरकार के आदेशों के हिसाब से मंदिरों को खोला व बंद किया जाएगा।

शहर में बंद रहे अधिकांश होटल

प्रशासन की ओर से होटल खुलने का आदेश दोपहर करीब दो बजे जारी किया गया। उस समय तक शहर के होटल कारोबारी पसोपेश में पड़े रहे। शहर के अधिकांश होटलों में ताले लटके रहे। प्रशासन की अवधि का आदेश पहुंचने तक लॉकडाउन में छूट की अवधि का समय खत्म हो चुका था। वहीं लॉकडाउन में छूट की अवधि खत्म होने के बाद होटलों में आने वाले ग्राहकों की बुकिंग को लेकर भी प्रशासन ने स्पष्ट जानकारी नहीं दी है। इसके साथ ही पर्यटन को लेकर आवागमन भी प्रतिबंधित है। ऐसे में होटल कारोबार खोलने के बाद भी ग्राहक कहां से आएंगे, इसको लेकर कारोबारी चिंतित हैं।

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