गौला रेंज के रेंजर जा रहे थे गश्त पर, तहसीलदार ने उठवा ली गाड़ी
गौला रेंजर के सरकारी वाहन को तहसीलदार ने बुधवार को उनके दफ्तर से कुर्क कर लिया।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : गौला रेंजर के सरकारी वाहन को तहसीलदार ने बुधवार को उनके दफ्तर से ही कुर्क कर क्रेन से तहसील पहुंचा दिया। ऊर्जा निगम ने बिजली के बकाए बिल को लेकर पूर्व में आरसी काटी थी। एसडीएम लालकुआं के आदेश पर वसूली के लिए तहसीलदार ने यह कार्रवाई की। रेंजर के समय देने और मौके पर भुगतान करने की बात को उन्होंने नहीं माना।
वन विभाग के लालकुआं स्थित आवासीय भवनों का 11,360 रुपये बिजली बिल लंबे समय से नहीं भरा गया था, जिसके बाद ऊर्जा निगम ग्रामीण खंड ने रेंजर की आरसी काट दी थी। तहसीलदार हल्द्वानी नीतेश डांगर के मुताबिक, पूर्व में नोटिस देकर 15 दिन के भीतर पक्ष रखने को कहा गया था, ताकि मामले को निपटाया जा सके, मगर वन विभाग के अफसर उपस्थित नहीं हुए। इसके बाद बुधवार को एसडीएम लालकुआं ऋचा सिंह ने वाहन कुर्क करने का आदेश जारी किया तो तहसीलदार नीतेश डांगर हीरानगर स्थित गौला रेंज परिसर पहुंच गए। इस दौरान रेंजर आरपी जोशी जंगल में गश्त करने के लिए निकलने की तैयारी कर रहे थे। तहसीलदार के वाहन कुर्क करने का आदेश दिखाने पर रेंजर ने पहले समय मांगा, फिर मौके पर 11,360 रुपये जमा करने की बात भी कही, मगर तहसीलदार ने नियम व आदेश का हवाला देकर रेंजर के सरकारी वाहन को जब्त कर तहसील परिसर में खड़ा करा दिया।
डीएफओ की गाड़ी भी उठ चुकी
मार्च 2020 में रामनगर वन प्रभाग के डीएफओ बीपी सिंह के वाहन को तहसीलदार पूनम पंत ने उनके बंगले से उठाया था। 2015 में श्रम विभाग ने डीएफओ की आरसी काटी थी, जिसकी वसूली के लिए तहसीलदार पूनम ने यह कार्रवाई की थी। वन विभाग पर एक श्रमिक के मामले को लेकर एक लाख 63 हजार की वसूली थी। पांच गाड़ी कोविड में, अब रेंजर पैदल
गौला रेंज को तराई का संवेदनशील रेंज माना जाता है। गौला का सत्र खुलने पर तस्करों की सक्रियता बढ़ जाती है। रेंजर के मुताबिक, गौला रेंज की पांच गाड़ियां पहले से कोविड ड्यूटी में लगी हैं। अब उनके वाहन को भी तहसीलदार ने कुर्क कर लिया। ऐसे में गश्त के लिए कोई गाड़ी नहीं बची। ऊर्जा निगम द्वारा आरसी काटी गई थी, जिसके बाद वन विभाग के अफसर को नोटिस भेजकर 15 दिन के भीतर पक्ष रखने को कहा गया था, मगर कोई उपस्थित नहंी हुआ। एसडीएम लालकुआं के निर्देश पर वाहन कुर्क किया गया है। मौके पर बकाया लेकर वाहन छोड़ने का अधिकार मुझे नहीं है।
-नीतेश डांगर, तहसीलदार बकाया की जानकारी देने के लिए ऊर्जा निगम के अफसरों को पूर्व में मैंने पत्र लिखा था, मगर किसी ने जवाब नहीं दिया। अगर समय से पता चलता तो संबधित स्टाफ से पैसे जमा कराए जाते। बुधवार को अचानक गाड़ी उठा ली गई।
-आरपी जोशी, रेंजर गौला