एनएच मुआवजा घोटाले में मनी लॉड्रिंग की जांच कर रही प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने देखे रिकाॅर्ड
एनएच मुआवजा घोटाले में मनी लॉड्रिंग की जांच कर रही प्रवर्तन निदेशालय की टीम रुद्रपुर पहुंची। इस दौरान उन्होंने एनएच घोटाले की एफआइआर की कापी देखी।
रुद्रपुर, जेएनएन : एनएच मुआवजा घोटाले में मनी लॉड्रिंग की जांच कर रही प्रवर्तन निदेशालय की टीम रुद्रपुर पहुंची। इस दौरान उन्होंने एनएच घोटाले की एफआइआर की कापी लेने के साथ ही एसआइटी अधिकारियों से सरकारी खाते में जमा किए गए रुपयों के संबंध में भी जानकारी ली।
मार्च 2017 में एनएच मुआवजा घोटाले में केस दर्ज होने के बाद जांच एसआइटी ने शुरू कर दी थी। जांच के दौरान 211 करोड़ रुपये घोटाले की पुष्टि हुई। इसके बाद एसआइटी ने घोटाले में संलिप्त 25 से अधिक अधिकारी, कर्मचारी, किसान, बिचौलिए और बिल्डर्स को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इस दौरान घोटाले में मनी लॉङ्क्षड्रग का मामला सामने आने पर प्रवर्तन निदेशालय ने भी जांच शुरू कर दी थी। साथ ही देहरादून में केस भी दर्ज किया था। इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय ने एसआइटी से आवश्यक दस्तावेज लेकर रुद्रपुर, बाजपुर, काशीपुर और हल्द्वानी में भी पूछताछ की थी। एसआइटी सूत्रों के मुताबिक शुक्रवार को भी एनएच घोटाले में मनी लॉङ्क्षड्रग की जांच कर रही प्रवर्तन निदेशालय की टीम रुद्रपुर एसएसपी कार्यालय पहुंची, जहां एसआइटी से टीम ने एनएच घोटाले में दर्ज केस की कॉपी ली। साथ ही अन्य जानकारी जुटाने के अलावा एसबीआइ में खोले गए सरकारी खाते में मुआवजा जमा करने वाले किसानों की जानकारी भी ली।
डीओपीटी का एसआइटी को इंतजार
कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग को भेजी गई रिपोर्ट का एसआइटी को इंतजार है। एनएच मुआवजा घोटाले की जांच में तत्कालीन डीएम पंकज पांडेय के खिलाफ भी अनियमितता के साक्ष्य मिले थे। इस पर एसआइटी ने पूछताछ कर रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेजी थी। इसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया था। 17 अक्टूबर 2018 को शासन ने पांडेय के खिलाफ अभियोजन अनुमति देने हुए रिपोर्ट केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग को भेज दी थी। कई माह बीतने के बाद भी डीओपीटी का आदेश नहीं आया। एसआइटी सूत्रों के मुताबिक भले ही आइएएस पंकज पांडेय बहाल हो गए हो, लेकिन डीओपीटी का इंतजार आज भी एसआइटी को है।
32 किसानों पर कार्रवाई की तैयारी
एनएच मुआवजा घोटाले में 32 किसानों के खिलाफ एसआइटी 82 की कार्रवाई की तैयारी कर रही है। बता दें कि बैक डेट पर करोड़ों का अतिरिक्त मुआवजा लेने वाले किसानों की गिरफ्तारी के पुलिस ने प्रयास किए। गिरफ्तारी न होने पर एसआइटी ने संबंधित थाना पुलिस को नोटिस जारी कर गिरफ्तारी को कहा था। नोटिस के बाद थाना पुलिस ने दबिश दी लेकिन वह नहीं मिले। ऐसे में एसआइटी इन फरार 32 किसानों के खिलाफ अब 82 की कार्रवाई की तैयारी कर रही है।
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