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टीबी की जांच के लिए अब नहीं जाना होगा दून-दिल्ली, हल्द्वानी में ही होगी जांच

क्षय रोग यानी टीबी की एडवांस जांच के लिए अब देहरादून या दिल्ली जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसका इलाज हल्द्वानी में भी संभव होगा। राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी में करीब 20 लाख की लागत से आईआरएल (एकीकृत क्षेत्रीय प्रयोगशाला) स्थापित की जाएगी।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Tue, 29 Sep 2020 11:24 AM (IST)Updated: Tue, 29 Sep 2020 11:24 AM (IST)
टीबी की जांच के लिए अब नहीं जाना होगा दून-दिल्ली, हल्द्वानी में ही होगी जांच
राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी में करीब 20 लाख की लागत से आईआरएल स्थापित की जाएगी।

हल्द्वानी, जेएनएन : क्षय रोग यानी टीबी की एडवांस जांच के लिए अब देहरादून या दिल्ली जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसका इलाज हल्द्वानी में भी संभव होगा। राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी में करीब 20 लाख की लागत से आईआरएल (एकीकृत क्षेत्रीय प्रयोगशाला) स्थापित की जाएगी। इसके लिए धनराशि स्वीकृत हो गई है।

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क्षय रोग से संबंधित एलपीए (लाइन प्रोब ऐस्से) और कल्चर जांच जैसी एडवांस जांच के लिए वर्तमान में राज्य में केवल देहरादून में ही आइआरएल की सुविधा मौजूद है। जबकि इससे ऊपरी जांच के लिए दिल्ली जाना पड़ता है। जिसके चलते कुमाऊं और गढ़वाल के कई पर्वतीय जिलों में क्षय रोग से ग्रसित लोगों की जांच के लिए अतिरिक्त समय और पैसा खर्च करना पड़ता है।

लेकिन अब हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में भी आइआरएल लैब स्थापित होगी। जिसमें क्षय रोगियों की सीबीनेट, एलपीए और कल्चर तीनों तरह की एडवांस जांच हो सकेगी। लैब की स्थापना के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन उत्तराखंड के वित्तीय वर्ष 2020-21 की आरओपी में 20 लाख रुपये की धनराशि स्वीकृत हो चुकी है। इस संबंध में जिला क्षय रोग निवारण केंद्र हल्द्वानी की ओर से मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य को पत्र भेजकर बजट उपलब्ध कराने के लिए बैंक खाता नंबर व आइएफएससी कोड उपलब्ध कराने को कहा है। 

टीबी एंड रेस्पिरेटिव मेडिसिन विभाग राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी के विभागाध्यक्ष डॉ. डीसी पुनेरा ने बताया कि आइआरएल स्थापित होने के बाद क्षय रोगियों को एडवांस जांच के लिए दिल्ली-देहरादून नहीं जाना पड़ेगा। सभी एडवांस जाचें हल्द्वानी में हो सकेंगी।


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