Uttarakhand News: चीन सीमा पर तवाघाट-लिपुलेख मार्ग चार दिन बाद खुला, इनर लाइन परमिट पर अभी कोई निर्णय नहीं
चार दिनों से उच्च हिमालय में फंसे लोग देर सायं सकुशल धारचूला पहुंच गए है। मार्ग खुलने के बाद उच्च हिमालय में फंसे वाहन और लोग निकल सके। आदि कैलास जाने वाले प्रशासन के इनर लाइन परमिट जारी होने का इंतजार कर रहे है।
जागरण संवाददाता, पिथौरागढ़ : उत्तराखंड में पिछले हफ्ते से मौसम खराब है। यहां पर कई जिले में सड़क पर मलबा व बोल्डर आने से आवागमन बाधित है। पिथौरागढ़ में चीन सीमा के पास भी आदि कैलास यात्रा रूट बंद हो गया था, जो कि चार दिन बाद खुल पाया है।
चार दिनों से बंद तवाघाट-लिपुलेख मार्ग शुक्रवार की देर से यातायात के लिए खुल चुका है। मार्ग खुलने के बाद उच्च हिमालय में फंसे वाहन और लोग निकल सके। प्रशासन ने आदि कैलास यात्रियों को शुक्रवार अपरान्ह को ही वाहन बदल कर मलघाट के पास मलबे से पर कराकर धारचूला पहुंचाया था।
पांच दिन पूर्व भारी बारिश से चीन सीमा लिपुलेख तक जाने वाला मार्ग तवाघाट से आगे मलघाट, मांगती, गर्बाधार, मालपा सहित पांच स्थानों पर बंद हो गया था। इस दौरान 14वां आदि कैलास यात्रा दल आदि कैलास और ओम पर्वत दर्शनो को गया था। इसके अलावा कई लोग व्यक्तिगत रूप से आदि कैलास गए थे।
मार्ग बंद होने से सभी फंस गए थे। बारिश के चलते खतरा देखते हुए प्रशासन ने इनर लाइन परमिट जारी करना बंद कर दिया ऊपर से मार्ग बंद रहने से 15वें आदि कैलास यात्रा के 20 यात्री चार दिन से ओर 16वें दल के 3 यात्री दो दिनों से धारचूला में ही है।
इसके अलावा 80 लोग भी व्यक्तिगत रूप से आदि कैलास जाने वाले भी मार्ग बंद होने और इनर लाइन परमिट जारी नही होने से धारचूला में रुके है। शुक्रवार दिन में मांगती से उप्पर मार्ग खुला। उच्च हिमालय में फंसे वाहन ओर यात्री धारचूला से लगभग 25 किमी दूर मलघाट पहुंच गए थे। वहां पर मार्ग बंद होने से फंसे रहे।
देर सायं मलघाट के बाद खुलने के बाद यातायात शुरू हुआ। चार दिनों से उच्च हिमालय में फंसे लोग देर सायं सकुशल धारचूला पहुंच गए है। आदि कैलास जाने वाले प्रशासन के इनर लाइन परमिट जारी होने का इंतजार कर रहे है। शनिवार सुबह से अभी तक इनर लाइन परमिट को लेकर प्रशासन ने कोई निर्णय नहीं लिया है। इसीलिए अभी पास जारी नहीं हो रहे हैं।