Move to Jagran APP

बुजुर्ग मां के देसी नुस्खे को तारा दत्त जोशी ने बनाया रोजगार का जरिया, बना रहे हर्बल उत्‍पाद

दृढ़ इच्छाशक्ति व विजन हो तो नए रास्ते निकल आते हैं। बुजुर्ग मां के देसी नुस्खे को रोजगार का माध्यम बनाकर तारा दत्त जोशी ने इस सूत्र को सही साबित किया है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Tue, 19 Mar 2019 06:25 PM (IST)Updated: Tue, 19 Mar 2019 06:25 PM (IST)
बुजुर्ग मां के देसी नुस्खे को तारा दत्त जोशी ने बनाया रोजगार का जरिया, बना रहे हर्बल उत्‍पाद
बुजुर्ग मां के देसी नुस्खे को तारा दत्त जोशी ने बनाया रोजगार का जरिया, बना रहे हर्बल उत्‍पाद

हल्द्वानी, गणेश पांडे : दृढ़ इच्छाशक्ति व विजन हो तो नए रास्ते निकल आते हैं। बुजुर्ग मां के देसी नुस्खे को रोजगार का जरिया बनाकर तारा दत्त जोशी ने इस सूत्र को सही साबित किया है। हर्बल उत्पादों से तैयार कुमकुम व रोली (पिठ्या) को बाजार में हाथों-हाथ लिया जा रहा है।

loksabha election banner

पुराने समय में जब बाजार सीमित था और गिने चुने लोगों की ही बाजार तक पहुंच थी। ऐसे में कई जरूरी चीज घर पर ही तैयार किए जाते थे। शुभ अवसरों पर माथे पर टीका करने के लिए कुमकुम, रोली तैयार करना भी इसमें शामिल था। हल्द्वानी रामपुर रोड के फूलचौड़ निवासी 55 वर्षीय तारा दत्त जोशी ने 76 वर्षीय मां भगवती देवी के नुस्खे को रोजगार का जरिया बना लिया। हर्बल उत्पादों की हल्द्वानी, अल्मोड़ा, रानीखेत बाजार में अच्छी डिमांड है। मेले महोत्सव में स्टॉल के अलावा हल्द्वानी के कई मॉल में भी हर्बल कुमकुम, रोली बिक रही है।

जल्द चारधाम पहुंचेंगे उत्पाद

तारा जोशी ने बताया कि अभी हर माह औसतन दो कुंतल से अधिक कुमकुम, रोली बिक रही है। 10 ग्राम से 100 ग्राम तक की चार पैकिंग में उपलब्ध है। भविष्य में चारधाम बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री तक कुमकुम, रोली पहुंचाना चाहते हैं।

लोन से शुरू किया काम

इंटरमीडिएट पास तारा जोशी ने कुमाऊं मंडल विकास निगम से वीआरएस लेने के बाद कुछ समय सिडकुल में काम किया। तीन साल पहले कुमकुम, रोली बनाना शुरू किया। एक साल पहले खादी ग्रामोद्योग से दो लाख का लोन लेकर यूनिट स्थापित की।

इस तरह होता है तैयार

रोली को हल्दी, सुहागा पाउडर व नींबू के रस से तैयार किया जाता है। कुमकुम हल्दी, चंदन चुरा, मुलतानी मिट्टी के मिश्रण से बनाई जाती है। सभी उत्पादों को पीसने के बाद आपस में मिलाकर धूप में सुखाया जाता है। बाद में फिर पीसा जाता है। इस काम में पूरा परिवार जुटता है और दो बाहरी लोगों को भी रखा है। जोशी बताते हैं हर्बल उत्पाद पूजा के लिए शुद्ध होने के साथ स्वास्थ्य के लिए पूरी तरह सुरक्षित है।

यह भी पढ़ें : पुलिस के जवान शरद जोशी ने पैर गंवाया अपना हौसला नहीं, पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी बने मिसाल

यह भी पढ़ें : हाईकोर्ट ने एकलपीठ का आदेश रखा बरकरार, इग्नू से डीएलएड मान्य, विशेष अपील खारिज


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.