टनकपुर-तवाघाट हाईवे खुला, तवाघाट-दारमा और नारायण आश्रम मार्ग अब भी बंद
शनिवार की रात को भी सीमांत क्षेत्र में भारी बारिश हुई। मुनस्यारी तहसील क्षेत्र में सुबह तक बारिश जारी रही। गोठी के पास बंद टनकपुर-तवाघाट हाईवे खोल दिया गया है।
पिथौरागढ़, जेएनएन : शनिवार की रात को भी सीमांत क्षेत्र में भारी बारिश हुई। मुनस्यारी तहसील क्षेत्र में सुबह तक बारिश जारी रही। गोठी के पास बंद टनकपुर-तवाघाट हाईवे खोल दिया गया है, परंतु थल-मुनस्यारी मार्ग पर नाचनी के पास अचानक मलबा गिरने से बंद हो गया है। मलबा गिरते समय इस स्थान किसी वाहन के नहीं गुजरने से बड़ा हादसा टल गया, परंतु भारी संख्या में वाहन फंस गए हैं। गिनी बैंड और वनिक के पास ही मलबा आया है। जिले में आठ सड़कें बंद हैं।
टनकपुर-तवाघाट हाईवे पर कालिका के धारचूला के मध्य गोठी के पास बीआरओ ने मार्ग खोल दिया है। शनिवार को मार्ग बंद रहने से यातायात ठप रहा। रविवार को मार्ग खुलने से फंसे वाहन निकल सके हैं। इस दौरान तवाघाट से कंच्योती के मध्य मलबा आने से मार्ग बंद है। मार्ग बंद होने से तल्ला दारमा, उच्च हिमालयी मल्ला दारमा और चौदास घाटी का संपर्क कट चुका है। लगभग एक लाख की आबादी प्रभावित हुई है।
नाचनी से मिली जानकारी के अनुसार रविवार दिन में ढाई बजे के आसपास नाचनी के पास बिना बारिश ही पहाड़ी दरकने लगी और भारी मलबा आ गया। गनीमत रही कि इस दौरान इस क्षेत्र में कोई वाहन नहीं गुजर रहा था अन्यथा बड़ा हादसा हो जाता ।
इधर हल्द्वानी से आने वाले सभी वाहनों के फंसने के आसार बने हैं। हल्द्वानी से आने वाले वाहन नाचनी में तीन बजे के आसपास पहुंचने लगते हैं। मुनस्यारी से थल, पिथौरागढ़, डीडीहाट व नाचनी आ रहे वाहन दूसरी तरफ फंसे हुए हैं।
बागेश्वर में बारिश से दस मोटर मार्ग बंद बागेश्वर
बारिश का सिलसिला रूकने का नाम नहीं ले रहा है। रात से हो रही बारिश से लोग जबरदस्त भयभीत हैं। दस से अधिक सड़कों पर भारी मात्रा में बोल्डर, मलबा आदि आने से यातायात बंद हो गया है। कपकोट क्षेत्र में सबसे अधिक बारिश रिकार्ड की गई और वहां तल्ला, मल्ला और विच्चला दानपुर घाटी के लोगों की दिक्कतें बढ़ गई हैं।
मार्ग बंद होने से तीन बाद घर से उठा शव
नाचनी(पिथौरागढ़) : आपदा प्रभावित तल्ला जोहार के दूरस्थ गांव राया में चार दिन पूर्व मृत महिला कौशल्या देवी की अंत्येष्टि मार्ग बंद होने के कारण तीसरे दिन हो सकी। आइटीबीपी जवान शव को पत्थरों की खड़ी चढ़ाई से होते हुए दस किमी दूर श्मशान घाट तक पहुंचाया गया। इस दौरान साथ में परिजनों के अलावा लोनिवि के मजदूर, राजस्व और पुलिस जवान भी साथ रहे। राया गांव निवासी कौशल्या देवी की चार दिन पूर्व रात्रि को निधन हो गया था। राया गांव का श्मशान घाट दस किमी दूर बांसबगड़ के पास पड़ता है। भारी बारिश के चलते गांव का मुख्य मार्ग आपदा में बह गया था। मृतका के बेटे के लिखित अनुरोध पर प्रशासन जागा। शनिवार की सायं प्रशासन ने आइटीबीपी का सहयोग लिया, तब जाकर अंत्येष्टि हो सकी ।
यह भी पढ़ें : बारिश ने बिगाड़े हालात, पिथौरागढ़ में तीन दिन से नहीं उठा वृद्धा का शव, अल्मोड़ा में दफ्न हो गया बच्चा
यह भी पढ़ें : महिला काे अपना शिकार बना चुके आदमखोर तेंदुए को पकड़ने के लिए पौड़ी से पहुंचे शिकारी