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नहीं खुला टनकपुर तवाघाट हाईवे हाईवे, लिपुलेख मार्ग पांचवे दिन भी बंद, धारचूला में छह मकान खतरे में

टनकपुर तवाघाट हाईवे घाट और पिथौरागढ़ के बीच दिल्ली बैंड और गुरना के पास नहीं खुला। दिल्ली बैंड के पास मलबा हटाने का कार्य जारी । एनएच के अनुसार यााम छह बजे तक मार्ग खुलने का दावा किया गया है। गुरना के पास लगातार पत्थर गिर रहे हैं।

By JagranEdited By: Skand ShuklaPublished: Tue, 27 Sep 2022 11:47 AM (IST)Updated: Tue, 27 Sep 2022 11:47 AM (IST)
नहीं खुला टनकपुर तवाघाट हाईवे हाईवे, लिपुलेख मार्ग पांचवे दिन भी बंद, धारचूला में छह मकान खतरे में
धारचूला के घटधार में बिना बारिश के भूस्खलन, बीएसएनएल का जनरेटर कक्ष ध्वस्त, टावर खतरे में

पिथौरागढ़, जागरण संवाददाता : टनकपुर तवाघाट हाईवे घाट और पिथौरागढ़ के बीच दिल्ली बैंड और गुरना के पास नहीं खुला। दिल्ली बैंड के पास मलबा हटाने का कार्य जारी । एनएच के अनुसार यााम छह बजे तक मार्ग खुलने का दावा किया गया है। गुरना के पास लगातार पत्थर गिर रहे हैं। तीन दिन से पिथौरागढ़ की गैस, सब्जी की आपूर्ति बंद।

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उधर धारचूला नगर के घटधार में सोमवार की रात बिना बारिश के ही भारी भूस्खलन हो गया। बीएसएनएल का टावर खतरे में आ गया। टावर का जनरेटर कक्ष ध्वस्त हो गया है। एक मकान पूरी तरह खतरे में आ चुका। छह अन्य मकान भी खतरे में है।

रात को भूस्खलन से हड़कमल मच गया। एसडीएम नंदन कुमार, तहसीलदार, राजस्व कर्मी, पुलिस और फायरब्रिगेड कर्मी मौके पर पहुंचे। सात परिवारों को रात को ही शिफ्ट किया गया। मंगलवार की प्रात बीएसएनएल कर्मी टावर हटाने में जुटे है।

लिपुलेख मार्ग पांचवे दिन भी यातायात के लिए नही खुला है। उच्च हिमालय में फसे आदि कैलास यात्रियों सहित स्थानीय लोगो को मौसम ठीक रहने पर हैलीकॉप्टर से धारचूला लाया जाएगा। जिले में एक एनएच, एक सीमा मार्ग सहित दस मार्ग बंद है। काली नदी चेतावनी लेबल से ऊप्पर बह रही है।

जरूरी सामान की किल्लत बढ़ी

मार्ग बंद होने से पिथौरागढ़ के लिए मैदानी क्षेत्रों से सब्जी, गैस आदि की आपूर्ति प्रभावित हो चुकी है। लोग पांच किमी से अधिक पैदल चलने को मजबूर हो चुके हैं। वाहनों का संचालन वाया सेराघाट होते हुए किया जा रहा है। एनएच ने मंगलवार की सुबह दस बजे तक मार्ग खोलने का दावा किया था। लेकिन अब शाम छह बजे तक खुलने की बातक ही जा रही है।

गुंजी से हेलीकॉप्टर से किया रेस्क्यू

धारचूला में तवाघाट- लिपुलेख मार्ग पांचवें दिन भी नहीं खुला है। चीन सीमा से लगे सात गांवों का सम्पर्क भंग है। मार्ग बंद होने से फंसे आदि कैलास यात्रियों और स्थानीय लोगों को हेलीकॉप्टर से धारचूला पहुंचाया गया।

धारचूला से मिली जानकारी के अनुसार लिपुलेख मार्ग चौथे दिन उच्च हिमालय में गुंजी में फंसे आदि कैलास यात्रियों और स्थानीय लोगों को हेलीकॉप्टर से लाया गया। हेलीकॉप्टर ने पांच चक्कर लगाए।

40 के आसपास लोगों को धारचूला पहुंंचाया गया। गुंजी में 70 आदि कैलास यात्री और 35 से 40 तक स्थानीय लोग हैं। जिसमें से कुछ सोमवार को धारचूला लाए गए हैं।

गंगोलीहाट में भी कई मकान खतरे में

गंगोलीहाट में रविवार की बारिश से नगर पंचायत के अंतर्गत आने वाले पठक्यूडा गांव में प्रकाश पाठक के आंगन की 50 फीट लंबी और 20 फीट ऊंची सुरक्षा दीवार ढह गई । आवासीय मकान भी खतरे में आ चुका है। निचले हिस्से में स्थित हेम पाठक का मकान भी खतरे में है।

पठक्यूड़ा सहित बली गांव व अन्य गांवों को जोडऩे वाला मुख्य मार्ग भी बंद हो चुका है और एक विद्युत पोल भी खतरे में आ चुका है। ग्रामीणों ने पैदल मार्ग खोलने क्षतिग्रस्त पेयजल लाइन की मरम्मत की मांग की है।


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